मंत्रालय की शरण में बागी टेनिस खिलाड़ी

मंत्रालय की शरण में बागी टेनिस खिलाड़ी

नई दिल्ली : भारतीय डेविस कप टीम में वापसी के लिए बेताब 11 खिलाड़ियों ने खेल मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की अपील की है लेकिन उनके इस प्रयास का कोई फायदा होने की संभावना नहीं है क्योंकि मंत्रालय ने साफ किया है कि चयन मामलों में उसकी कोई भूमिका नहीं होती है।

बागी खिलाड़ियों ने जब 11 जनवरी की समय सीमा तक खुद को उपलब्ध नहीं रखा तो अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ डेविस कप मुकाबले के लिए अनुभवहीन टीम का चयन किया। इसमें केवल लिएंडर पेस ही अनुभवी खिलाड़ी हैं। यहां तक एआईटीए के उपाध्यक्ष कार्तिक चिदंबरम ने भी मंत्रालय को पत्र भेजकर कहा है कि राष्ट्रीय महासंघ ने आईटीएफ की समय सीमा से पहले ही टीम का चयन कर लिया और वह इस समय में मामले को सुलझा सकता था।

माना जा रहा है कि चिदंबरम के एआईटीए के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ अच्छे रिश्ते नहीं हैं। टीम भेजने की अंतिम तिथि 22 जनवरी है। एआईटीए ने खिलाड़ियों की कई मांगे मान ली थी जिनमें सहयोगी स्टाफ में बदलाव, पुरस्कार राशि में हिस्सेदारी बढ़ाना भी शामिल था। खिलाड़ियों ने संयुक्त बयान जारी करके कहा, ‘हमने युवा कल्याण एवं खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर खेल मंत्री से एआईटीए के रवैये में हस्तक्षेप करने और पिछले कुछ सप्ताहों में एआईटीए की कार्रवाई की जांच कराने की मांग की है।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 17, 2013, 19:48

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