Last Updated: Wednesday, November 9, 2011, 06:47
नई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100वां शतक बनाने से भले ही चूक गए, लेकिन उनकी रोमांचक अर्धशतकीय पारी से भारत आज यहां चौथे दिन लंच के बाद वेस्टइंडीज पर पहले टेस्ट क्रिकेट मैच को जरूर जीत लिया।लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की यह दूसरी सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। घरेलू मैदान पर भी यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी जीत है।
तेंदुलकर ने सुबह से ही प्रवाहमय बल्लेबाज की और लग रहा था कि वह शतकों का शतक पूरा कर लेंगे लेकिन जब वह 76 रन पर खेल रहे थे तभी देवेंद्र बिशू ने गुगली पर उन्हें पगबाधा आउट कर दिया। उनकी इस पारी से हालांकि भारत ने 276 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए तीसरे दिन लंच तक चार विकेट पर 254 रन बनाए हैं। अब उसे जीत के लिए केवल 22 रन चाहिए। लंच के समय वीवीएस लक्ष्मण 45 और युवराज सिंह नौ रन बनाकर खेल रहे थे।
भारत ने सुबह के सत्र में कल के दोनों अविजित बल्लेबाजों तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ (31) के विकेट गंवाए। तेंदुलकर ने अपनी पारी में 148 गेंद खेली और 10 चौके लगाए। उन्होंने द्रविड़ के साथ 67 और लक्ष्मण के साथ 71 रन की साझेदारी की। भारत ने जब सुबह पारी आगे बढ़ाई तो उसे जीत के लिए 124 रन चाहिए थे। उसके दो ऐसे बल्लेबाज क्रीज पर मौजूद थे जिनके नाम पर कुल 27864 रन दर्ज थे।
डेरेन सैमी के पहले ओवर में गेंद तेंदुलकर के पैड से लगकर सीमा रेखा पार गयी जबकि बाद में उनके बल्ले ने गेंद को बाउंड्री के दर्शन कराए। अगला ओवर करने के लिए फिदेल एडवर्डस आए जो मेडन रहा, लेकिन इस तेज गेंदबाज के अगले ओवर की पहली गेंद ही द्रविड़ के डिफेन्स को तहस-नहस कर गई। द्रविड़ 140 किमी की रफ्तार से मूव करती गेंद पर ड्राइव करने के लिए आगे आ गए लेकिन वह कुछ कर पाते इससे पहले गेंद उनके विकेट उखाड़ चुकी थी। वह अपने कल के स्कोर में केवल एक रन ही जोड़ पाये।
तेंदुलकर ने एडवर्डस की गेंद थर्डमैन पर खेलकर अपना 62वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया। अब उन्हें एलन बोर्डर के सर्वाधिक अर्धशतक के रिकार्ड की बराबरी के लिए केवल एक और पचासे की जरूरत है। लक्ष्मण ने इस बीच कलाईयों की जादूगरी दिखाते हुए प्वाइंट और स्क्वायर लेग में चौके जमाए लेकिन हर कोई तेंदुलकर के बल्ले से रनों की बौछार देखना चाहता था ताकि यहीं पर उनका महाशतक पूरा हो सके।
मास्टर ब्लास्टर ने रवि रामपाल के अगले ओवर में दो चौके जड़कर उम्मीदों को पंख लगाने की पूरी कोशिश की। इसके बाद लक्ष्मण कुछ धीमे पड़ गए जबकि तेंदुलकर ने रामपाल, मलरेन सैमुअल्स और देवेंद्र बिशू की गेंद को भी सीमा रेखा के दर्शन करवाए। लेकिन तभी बिशू की गुगली 15 हजार दर्शकों की आह निकाल गई। करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का दिल तोड़ने वाले बिशू की यह गेंद विकेटों के आगे खड़े तेंदुलकर के पैड से टकराई और अंपायर राड टकर ने कुछ देर सोचने के बाद उंगली उठा दी। अभी तक तेंदुलकर के एक-एक रन पर बल्लियों उछल रहे दर्शक सन्न रह गए। कोटला में ‘पिन ड्राप साइलेंस’ हो गया।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 10, 2011, 10:34