मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास। Sachin Tendulkar retires from ODIs

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यासमुंबई : समकालीन क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने आज एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इसके साथ ही इस प्रारूप में उनके 23 साल के स्वर्णिम करियर का अंत हो गया जिसमें उन्होंने कई बेजोड़ रिकार्ड अपने नाम लिखे।

तेंदुलकर ने बीसीसीआई को अपने फैसले से अवगत कराया जिसने उनकी तरफ से बयान जारी किया। यह स्टार बल्लेबाज हालांकि टेस्ट मैचों में खेलता रहेगा। बीसीसीआई के बयान में इस 39 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैंने खेल के एकदिवसीय प्रारूप से संन्यास लेने का फैसला किया है। मुझे खुशी है कि मेरा विश्व कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा बनने का सपना पूरा हुआ। 2015 में विश्व कप खिताब के बचाव की तैयारियां जल्दी और सही तरह से शुरू होनी चाहिए। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं टीम को भविष्य के लिये शुभकामनाएं देता हूं। मैं अपने शुभचिंतकों का वषरें तक भरपूर समर्थन और प्यार बनाये रखने के लिये दिल से शुक्रगुजार हूं। ’’

आधुनिक क्रिकेट के सबसे संपूर्ण बल्लेबाज और सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के बाद सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज आंके जाने वाले तेंदुलकर ने वनडे में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज के रूप में संन्यास लिया। तेंदुलकर ने 463 एकदिवसीय मैच खेलकर 44 . 83 की औसत से 18,426 रन बनाये। दायें हाथ के इस बल्लेबाज के नाम पर इस प्रारूप में 49 शतक दर्ज हैं।

वनडे में सबसे पहला दोहरा शतक जमाने का रिकार्ड भी तेंदुलकर के नाम पर है। उन्होंने वनडे में 96 अर्धशतक बनाये हैं जो रिकार्ड है। तेंदुलकर का टेस्ट रिकार्ड भी शानदार रहा है। उन्होंने अभी तक 194 टेस्ट मैचों में 54 . 32 की औसत से 15,645 रन बनाये हैं। उनके नाम पर 51 शतक और 66 अर्धशतक शामिल हैं।

तेंदुलकर पिछले लंबे समय से खराब फार्म में चल रहे थे और इसलिए उन पर संन्यास लेने का दबाव था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ हाल में समाप्त हुई चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में केवल 18 . 66 की औसत से रन बनाये थे। जहां तक एकदिवसीय क्रिकेट का सवाल है तो तेंदुलकर पिछले कुछ समय से कुछ खास टूर्नामेंट में ही खेल रहे थे। उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप में खेला था जिसमें उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक भी पूरे किये थे। तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ 1989 में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और इस चिर प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ एक अन्य श्रृंखला से पहले उन्होंने इस प्रारूप को अलविदा कहा। उनके करियर का सबसे अहम पल पिछले साल विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनना रहा। यह तेंदुलकर का छठा विश्व कप था। तेंदुलकर ने 2006 में टी20 में एकमात्र मैच खेला था और इसके बाद वह इस प्रारूप से हट गये थे। वह अभी टेस्ट क्रिकेट में बने रहेंगे।

तेंदुलकर ने भारत के विश्व कप के खिताबी अभियान में दो शतक लगाये थे। इसके बाद हालांकि वह एक साल तक 99 शतकों पर अटके रहे। हाल के वर्षों में फार्म में गिरावट के बावजूद तेंदुलकर के रिकार्ड तक पहुंचना फिलहाल किसी के लिये संभव नहीं दिख रहा है। उनके बाद वनडे में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में आस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग शामिल हैं जिन्होंने 13,704 रन बनाये हैं। पोंटिंग पहले ही संन्यास ले चुके हैं। श्रीलंका के सनथ जयसूर्या 13,430 रन बनाकर तीसरे स्थान पर हैं। जयसूर्या भी संन्यास ले चुके हैं। बल्लेबाज के अलावा तेंदुलकर ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया। साझेदारी तोड़ने में उनका कोई सानी नहीं रहा। उन्होंने अपने वनडे करियर में 154 विकेट लिये हैं। दो बार उन्होंने मैच में पांच विकेट लिये हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 23, 2012, 11:39

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