Last Updated: Tuesday, September 18, 2012, 18:53

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने एआईटीए के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। भूपति ने कहा कि ऑल इंडिया टेनिस एसोशिएशन (एआईटीए) मेरी निष्ठा पर सवाल नहीं उठा सकता है। मुझे देशद्रोही कहा जाना स्वीकार्य नहीं है। मैं अब कानूनी विकल्पों पर विचार करूंगा। उन्होंने अनिल खन्ना पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मेरी निष्ठा पर सवाल उठाए गए। एआईटीए का फैसला मुझे मंजूर नहीं है। महेश ने कहा कि मुझ पर लगाए गए बैन के बारे में मीडिया के जरिये पता चला। गौर हो कि एआईटीए ने भूपति पर दो साल का बैन लगाया है। मुझे देशद्रोही कहना सही नहीं है। मैं कानूनी रास्ते खंगाल रहा हूं।
दो साल का प्रतिबंध लगने से निराश महेश भूपति ने आज अखिल भारतीय टेनिस संघ पर पलटवार करते हुए खेल की संचालन संस्था पर ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एआईटीए का ‘तानाशाहीपूर्ण रवैया’ भारतीय टेनिस के भविष्य के लिए नुकसानदायक है।
भूपति ने एआईटीए और इसके अध्यक्ष अनिल खन्ना पर निशाना साधा। भूपति ने आरोप लगाया कि खन्ना ‘गंदी राजनीति’ कर रहे हैं और खिलाड़ियों के बीच मतभेद पैदा कर रहे हैं विशेषकर उनके और लिएंडर पेस के बीच।
भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी भूपति ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि खन्ना ने फूट डालो और शासन करो की नीति को नई परिभाषा दी है। एआईटीए और इसका तानाशाहीपूर्ण रवैया तथा इसका प्रशासन भारतीय टेनिस के भविष्य के लिए नुकसानदेह है। भूपति ने इस दौरान लंदन ओलंपिक से पहले एआईटीए के साथ हुए उनके पत्राचार का ब्यौरा भी पेश किया। इस अनुभवी खिलाड़ी ने कहा कि उनके पास प्रतिबंध को स्वीकार करने के अलावा कोई चारा नहीं था लेकिन अब वह इसके कानूनी विकल्पों पर भी गौर कर रहे हैं।
गौर हो कि एआईटीए ने भूपति और बोपन्ना को देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए दो साल का बैन लगाया है। एआईटीए ने यह निर्णय न्यूजीलैंड के खिलाफ डेविस कप में मिले बढ़त के बाद उठाया है।
First Published: Tuesday, September 18, 2012, 15:09