Last Updated: Monday, August 12, 2013, 13:43

कानपुर : लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी से श्रीलंका में अंडर 19 क्रिकेट टेस्ट और एक दिवसीय मैच में 19 विकेट लेकर कानपुर लौटे युवा गेंदबाज कुलदीप यादव के क्रिकेट में आदर्श ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाज शेन वार्न है और उसको ही अपना प्रेरणा स्रोत मानते है। सामान्य दिनों में छह घंटे तक मैदान में अभ्यास करने वाले कुलदीप को उम्मीद है कि अगर उन्होंने और मेहनत की तो वह शीघ्र ही रणजी में उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलने का मौका हासिल कर सकते है।
अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन चाइना मेन गेंदबाजी से श्रीलंका में तहलका मचाने वाले कानपुर के कुलदीप यादव से उसके घर वालो और कोच को काफी उम्मीदें है। कुलदीप के कोच का कहना है कि अगर उसने अपनी गेंदबाजी का प्रदर्शन इसी तरह से जारी रखा तो वह दिन दूर नही जब उत्तर प्रदेश का यह 18 साल का नौजवान सुरेश रैना, भुवनेश्वर कुमार, प्रवीण कुमार, पीयूष चावला, आरपी सिंह और मोहम्मद कैफ के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के लिये खेले और प्रदेश का नाम रोशन करें।
कानपुर के जाजमउ की डिफेंस कालेानी में किराये के मकान में रहने वाले कुलदीप यादव के घर आज उसके दोस्तो परिवार वालों का मेला लगा हुआ है सब उसे बधाई और आगे और अच्छा क्रिकेट खेल कर प्रदेश और देश का नाम उंचा करने की शुभकामनायें दे रहे है। कुलदीप कल रात को ही श्रीलंका से कानपुर लौटे है। आज भाषा से बातचीत में कुलदीप ने कहा कि क्रिकेट में मेरे आदर्श आस्ट्रेलिया के स्पिनर शेन वार्न है और मैं उन्हीं की गेंदबाजी को गौर से देखता हूं और उनकी गंेदबाजी की वीडियो रिकार्डिंग देखता हूं, मेरा सपना है कि मैं भारत का शेन वार्न बनूं । क्योंकि मुझे शेन वार्न से काफी प्रेरणा मिलती है।
कुलदीप ने कहा कि मैं आलराउंडर हूं और अपनी गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में कुछ अच्छा करना चाहता हूं लेकिन श्रीलंका दौरे के दौरान मेरा बल्लेबाजी में पहले तो नंबर ही नही आया, दो मैंचो में आया भी तो ओवर कम होने के कारण मैं अपने बल्ले से कुछ कमाल नही दिखा पाया। लेकिन मुझे विश्वास है कि अंडर 19 वर्ल्ड कप में अपनी गेंद के साथ बल्ले से भी जौहर दिखाउंगा। कुलदीप ने हाल ही में श्रीलंका में खेली गयी अंडर 19 टेस्ट मैच और वन डे श्रंखला में दो टेस्ट मैचों में 14 विकेट लिये जबकि तीन वन डे में पांच विकेट हासिल कर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने।
उन्होंने कहा कि अब मैं कल 13 अगस्त को बुची बाबू क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने चेन्नई जा रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि वहां भी मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा। उनसे पूछा गया कि क्या यह उनका पहला विदेशी दौरा था तो उन्होंने कहा कि नही इससे पहले मैं दो बार आस्ट्रेलिया और इस बार श्रींलका में क्रिकेट खेल चुका हूं ।
कुलदीप के पिता और एक छोटे बिजनेस मैन राम सिंह यादव ने बताया कि मेरे बेटे को शुरू से ही क्रिकेट का काफी शौक था और इसी को देखते हुये मैने अपने 9-10 साल की उम्र से ही उसे क्रिकेट की कोचिंग दिलानी शुरू कर दी थी और आज वह 18 साल की उम्र पार कर चुका है और अंडर 19 में श्रीलंका में खेल रहा है। उम्मीद है कि वह एक दिन टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनेगा और हमारे परिवार का सपना साकार करेगा और उत्तर प्रदेश तथा कानपुर का नाम पूरी दुनिया में रोशन करेंगा। वह कहते है कि अभी कुलदीप केवल 18 साल से कुछ ज्यादा उम्र का है और कक्षा 12 का छात्र है अभी उसके पास काफी समय है अपना खेल दिखाने के लिये।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के जनरल मैनेजर और पूर्व रणजी खिलाड़ी रोहित तलवार ने कहा कि कि कुलदीप ने अभी तक एक भी रणजी मैच नही खेला और अंडर 19 में इतना शानदार प्रदर्शन किया है इससे यूपीसीए का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है और हम उम्मीद करते है कि इस बार वह पहले रणजी टीम में उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलेगा और बाद में वह भारतीय क्रिकेट को अपनी गेंदबाजी से नये मुकाम पर ले जायेगा। कुलदीप के कोच यूपीसीए की जूनियर सेलेक्शन कमेटी के चेयरमैन शशिकांत खांडेकर ने बताया कि कुलदीप पिछले दो सालो से यूपी की अंडर 19 क्रिकेट टीम का कप्तान है और उसने अपने प्रदर्शन से 2011-12 और 2012-13 में टीम को खिताबी जीत दिलाकर चैम्पियन बनाया। वह कहते है कि इससे पहले कुलदीप अंडर 15 क्रिकेट में दो साल और अंडर 16 टीम में 2 साल उत्तर प्रदेश के लिये खेल चुका है। पिछली बार वह उत्तर प्रदेश की रणजी की वन डे क्रिकेट टीम में शामिल था लेकिन उसे खेलने का मौका नहीं मिला।
खांडेकर कहते है कि कुलदीप की कामयाबी का राज उसकी लेफ्ट आर्म स्पिन चाइना मैन गेंदबाजी है इसमें वह गेंद तो वह लेफ्ट आर्म स्पिन करता है लेकिन बल्लेबाज तक पहुंचते पहुंचते वह गेंद आफ स्पिन में बदल जाती है और यह बल्लेबाज चकमा खा जाता है और वह अपना विकेट गंवा बैठता है। वह दावा करते है कि इस तरह की लेफ्ट आर्म स्पिन चाइना मैन गेंदबाजी अभी तक भारत में कोई भी गेंदबाज नही करता है। और कुलदीप का यही अनोखापन उसे भारी सफलता दिला रहा है। कुलदीप अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत लगन के अलावा अपने कोच खांडेकर और अपने पहले कोच कपिल पांडे को भी देते है। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 12, 2013, 13:43