Last Updated: Saturday, August 17, 2013, 17:44

चंडीगढ़ : महान क्रिकेटर कपिल देव ने अपने कोच द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त देश प्रेम आजाद के निधन पर कहा कि उन्होंने अपना गुरू और करीबी दोस्त खो दिया। अपने आंसुओं पर बमुश्किल काबू पा सके कपिल ने कहा, वह मेरे गुरू थे। मैंने अपना गुरू खो दिया। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त भी थे। आजाद का आज यहां अंतिम संस्कार किया गया। कपिल ने पत्रकारों से कहा , मैं बतौर क्रिकेटर जो कुछ भी हूं, उसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि इस क्षति को शब्दों में अभिव्यक्त कर पाना उनके लिये संभव नहीं है।
उन्होंने कहा, मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यह काफी कठिन है। उन्होंने खेल को बहुत कुछ दिया और कई क्रिकेटरों के करियर में उनकी अहम भूमिका थी। वह मेरे दोस्त थे। कपिल ने कहा , हमें उनके काम को आगे बढाना होगा। 20 जनवरी 1938 को अमृतसर में जन्मे आजाद का कल मोहाली के एक निजी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उन्होंने हरियाणा, पटियाला महाराजा एकादश और दक्षिणी पंजाब के लिये 19 प्रथम श्रेणी मैच खेले।
कपिल के अलावा आजाद के एक और शिष्य पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन शर्मा ने भी अपने करियर में कोच के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ सात साल का था जब उनके पास आया। वह अपने स्कूटर पर मुझे बिठाकर ले जाते थे और मैं उनके मार्गदर्शन में घंटों मेहनत करता।
चेतन ने आजाद की उस समय की सलाह को याद किया जब 27 साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में उनकी आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद ने छक्का जड़ दिया था। शर्मा ने कहा, पाकिस्तान के खिलाफ उस मैच के बाद मैंने इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला खेली। आजाद सर उस दौरे पर मेरे साथ थे। मेरे दिमाग में अभी भी वह छक्का चल रहा था और इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में मुझे विकेट नहीं मिल रहे थे। आजाद सर ने कपिल पाजी से कहा कि मुझे पवेलियन छोर की बजाय दूसरे छोर से गेंदबाजी को कहे जिससे फायदा हुआ और मुझे पांच विकेट मिले। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 17, 2013, 17:44