Last Updated: Wednesday, December 14, 2011, 14:36

प्रमोद राघवन, ज़ी न्यूज़ ब्यूरो बेंगलूर : नेशनल क्रिकेट ऐकेडमी से अनिल कुंबले ने इस्तीफा देने के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने ज़ी न्यूज़ की खबर पर मुहर लगाते हुए माना कि उन्होंने एक प्रपोजल बीसीसीआई के सामने रखा था, लेकिन बीसीसीआई ने उसे नहीं माना। इसी वजह से उन्होंने मजबूर होकर इस्तीफा दे दिया।
कुंबले ने कहा कि एनसीए से जुड़े एक फ्यूचर विजन प्रपोजल उन्होंने तैयार किया था और जब बोर्ड ने खारिज कर दिया तो उनके पास कोई दूसरा चारा नहीं था। बीसीसीआई को कुंबले ने राजी करने की कोशिश भी की थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
ज़ी न्यूज़ ने मंगलवार को दिल्ली में हुई बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक के खत्म होते ही कुंबले के इस्तीफे के बारे मे सबसे पहले खबर दी थी। कुंबले के करीबियों के मुताबिक बीसीसीआई के अडियल रवैय्ये की वजह से अनिल कुंबले ने ये फैसला किया। पूरा मामला कुछ है कि चेन्नई में दो दिन पहले एनसीए अधिकारियों और बोर्ड अधिकारियो की बैठक हुई।
जिसमें अनिल कुंबले ने एनसीए की तरक्की और खिलाडियों के फायदे का एक प्रपोजल बोर्ड के सामने रखा। बीसीसीआई ने इस प्रपोजल को सिरे से खारिज कर दिया। सूत्रों के मुताबिक कुंबले के प्रपोजल मे एनसीए आने वाले खिलाडियों की फिटनेस की हर जानकारी, खिलाडियों की चोट की पूरी जानकारी, इलाज के साथ-साथ खिलाड़ियों की ट्रेनिंग को लेकर छोटी से छोटी जानकारी रखने को लेकर कुंबले ने प्रपोजल कई महीनों की मेहनत के बाद तैयार किया था।
बीसीसीआई के रूख पर कुंबले बेहद खफा हो गए उसके बाद उन्होंने एनसीए का चेयरमैन पद छोडने का फैसला कर लिया। कुंबले ने दिल्ली में हुई वर्किंग कमेटी की मीटिंग के बाद बोर्ड को इस्तीफा देकर बता दिया कि वो दबकर काम करने वालो में से नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक एनसीए डायरेक्टर संदीप पाटील और अनिल कुंबले के बीच भी काफी दिनों से तनातनी चल रही थी। कुंबले की बातो को नजर अंदाज कर संदीप पाटील अपने हिसाब एनसीए में काम कर रहे थे। इस बात से कुंबले बेहद खफा थे। बोर्ड की तरफ से ये बताने की कोशिश की गई थी कि कुंबले कई पदों पर है और व्यस्त रहते है कुछ लोगों द्वारा ये जताने की भी कोशिश की गई थी कि कुंबले ने कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट की वजह से इस्तीफा दिया। क्योंकि कुंबले एक कंपनी के सर्वेसर्वा भी हैं जो उभरते क्रिकेट खिलाड़ियों का काम देखती है।
कुंबले ने इस बात को साफ खारिज कर दिया कि उनके इस्तीफे की वजह कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट थी। कुंबले के इस्तीफे से एक बार फिर साबित हो गया कि बोर्ड से पंगा लेकर कोई ज्यादा दिन नही चल सकता। दूसरी तरफ भारतीय क्रिकेट में अब एक बार फिर बहस शुरू हो गई है कि क्यों भारत में क्रिकेट की दशा और दिशा बदलने का ठेका बोर्ड के उन अधिकारियों ने ले रखा है जिन्हें क्रिकेट के मैदान की ए, बी, सी, डी भी नहीं आती।
First Published: Wednesday, December 14, 2011, 20:06