Last Updated: Tuesday, February 7, 2012, 12:19
नई दिल्ली : दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने टीम इंडिया के क्रिकेटर युवराज सिंह के फिजियोथिरेपिस्ट की डिग्री को फर्जी बताया है। काउंसिल ने आरोप लगाया है कि युवराज सिंह के फिजियोथिरेपिस्ट जतीन चौधरी ने पढ़ाई कर जो प्रमाण पत्र पाया है, उसके आधार पर न तो कोई व्यक्ति अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकता है और न ही डॉक्टरी की प्रैक्टिस कर सकता है, जबकि चौधरी दोनों ही काम कर रहे हैं। इस मामले में चौधरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसोसिएशन करीब ढाई वर्ष पहले भी दिल्ली सरकार तथा फिजियोथिरेपी काउंसिल में सिफारिश कर चुका है।
काउंसिल के नकली डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने वाले विभाग (एंटी क्राकरी) के चेयरमैन डॉक्टर अनिल बंसल ने बताया कि जतीन चौधरी ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से 'अल्टरनेटिव सिस्टम ऑफ मेडिसिन' की डिग्री हासिल की है। यह डिग्री बिलकुल नकली है और इस डिग्री को हासिल करने वाला कोई भी व्यक्ति अपने नाम के आगे डॉक्टर शब्द नहीं लिख सकता है।
उन्होंने बताया कि इस डिग्री धारक को डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने की अनुमति भी नहीं है। इसके बावजूद चौधरी दोनों ही काम कर रहे है, जो गैरकानूनी है।
डॉक्टर बंसल ने बताया कि चौधरी के खिलाफ करीब ढाई वर्ष पहले भी हमारे पास शिकायत आई थी। हर तरीके से जांच के बाद हमने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार तथा फिजियोथिरैपी काउंसिल में सिफारिश की थी, लेकिन अबतक इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई दोनों की ओर से नहीं की गई है।
इस मामले में फिजियोथिरैपी काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष डॉक्टर अरुण अग्रवाल ने बताया कि हमारे पास कई शिकायतें आती रहती हैं, इस मामले की फाइल देखनी होगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी फिजियोथिरैपिस्ट अपने नाम के आगे डॉक्टर नहीं लिख सकता है, लेकिन उसके प्रैक्टिस करने पर कोई पाबंदी नहीं है। वहीं फिजियोथिरैपिस्ट जतीन चौधरी के अनुसार उनकी सारी डिग्रियां असली है।
First Published: Tuesday, February 7, 2012, 23:54