Last Updated: Wednesday, July 24, 2013, 22:47

लाहौर : पाकिस्तानी हॉकी टीम के कोच अख्तर रसूल ने अनुभवी फारवर्ड शकील अब्बासी को रोजा रखने के कारण आज राष्ट्रीय अभ्यास शिविर से बाहर करके बड़े विवाद को जन्म दे दिया। इस घटना के बाद यह चर्चा जोर पकड़ सकती है कि क्या खिलाड़ियों को मैचों या अभ्यास शिविरों के दौरान रोजा रखना चाहिए या नहीं। रसूल ने कहा कि अब्बासी ने निर्देशों और नीतियों का उल्लंघन किया और इसलिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी।
उन्होंने कहा, शिविर शुरू होने से पहले ही फैसला किया गया था कि कोई भी खिलाड़ी रोजा नहीं रखेगा क्योंकि रोजा रखने के कारण ट्रेनिंग पर ध्यान लगाना संभव नहीं होता है। रसूल ने कहा, यदि अब्बासी रोजा रखना चाहता है तो उसे ऐसा घर में करना चाहिए। यह राष्ट्रीय शिविर है और सभी खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। आगामी एशिया कप हमारे लिये करो या मरो जैसा है। यदि हम उसे नहीं जीत पाते तो फिर विश्व कप के लिये क्वालीफाई नहीं कर सकते हैं।
अब्बासी ने पुष्टि की कि उन्होंने मुख्य कोच के आदेश का पालन नहीं किया लेकिन कहा कि रोजा रखने के बावजूद वह ट्रेनिंग पर ध्यान केंद्रित कर सकते थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं दोनों काम कर सकता हूं। मेरा मानना है कि रोजा रखना या नहीं रखना किसी का व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए।
बाजवा ने कहा, यह फैसला आम सहमति से किया गया था लेकिन हमें अब इस मसले पर गौर करना होगा क्योंकि यह संवेदनशील मसला है और देखते हैं कि क्या होता है। यह शिविर मलेशिया में होने वाले एशिया कप की तैयारियों के लिये लगाया गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 24, 2013, 22:47