Last Updated: Friday, March 9, 2012, 03:03
बेंगलुरू : भारत के महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने शुक्रवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय कैरियर को अलविदा कहा ।
पूर्व भारतीय कप्तान द्रविड टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं और कई वर्षों से भारतीय मध्यक्रम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे ।
विश्व क्रिकेट के महानतम और भारतीय क्रिकेट के सर्वकालिक महानतम खिलाड़ियों में से एक राहुल द्रविड़ ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। द्रविड़ ने कहा कि संन्यास की घोषणा करते हुए वह निराश लेकिन गौरवान्वित हैं।
चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और अपने पूर्व साथी तथा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुम्बले की मौजूदगी में पत्रकारों से मुखातिब द्रविड़ ने कहा कि उनके लिए आज अपने 16 साल के क्रिकेट करियर को विराम देने का वक्त आ गया है।
भारतीय क्रिकेट को बतौर कप्तान, बल्लेबाज और विकेटकीपर के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके द्रविड़ ने कहा, मैं अंतर्राष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं। आज से 16 साल पहले मैंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और आज मुझे लगता है कि मेरे जाने का वक्त आ गया है। एक समय ऐसा था जब मैं करोड़ों युवाओं की तरह देश के लिए खेलने का सपना देखा करता था। उस समय मुझे पता नहीं था कि मेरा क्रिकेट करियर इतना लम्बा और संतोषप्रद होगा। इस अवसर पर मैं कई लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं।
उन्होंने कहा, कोई भी सपना अकेले पूरा नहीं होता। जहां तक मेरी बात है तो मैं इसके लिए अपने प्रशिक्षकों का धन्यवाद करना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मुझे इस काबिल बनाया। मैं जूनियर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सभी कोचों का धन्यवाद करना चाहता हूं।
द्रविड़ बोले, इस काम में फिजियो और ट्रेनरों ने काफी मेहनत की। मैं उन चयनकर्ताओं का भी धन्यवाद करना चाहता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। साथ ही साथ मैं उन सभी कप्तानों का भी धन्यवाद करना चाहता हूं, जिनके नेतृत्व में मैं खेला।
जहां तक भारतीय टीम की बात है तो मैं उन टीमों का हिस्सा रहा, जिसने देश और विदेश में शानदार खेल दिखाया। मेरे कई साथी महान बन गए। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में उनकी बड़ी कद्र होती है। मैंने सबसे कुछ न कुछ सीखा है। मैं इस खेल की हसीन यादें अपने साथ लेकर आगे की जिंदगी जीना चाहता हूं। यह मेरे लिए अमूल्य तोहफा है।
द्रविड़ ने कहा, मैं अंत में देश और विदेश में बसे भारतीय क्रिकेट के चाहने वालों का धन्यवाद करता हूं। आप जैसे प्रशंसकों को पाकर क्रिकेट धन्य हो गया है और आप सबके सामने खेलकर असीम सुख मिलता रहा है। देश के लिए खेलना आपके लिए खेलना है। यही कारण है कि मैंने आप सबकी खातिर हमेशा से इस खेल को बेहद गम्भीरता से लिया।
उन्होंने कहा, मैंने हमेशा अपनी प्रतिभा के साथ न्याय करने की कोशिश की। इस काम में कभी सफलता मिली तो कभी असफलता लेकिन मैंने हमेशा अपने स्तर और क्रिकेट की प्रतिष्ठा के साथ न्याय करने का प्रयास किया। मैं कई बार नाकाम हुआ लेकिन आप सबकी प्रार्थना के कारण कभी प्रयास बंद नहीं किया। मैं इस खेल से निराशा लेकिन गर्व के भाव के साथ विदा हो रहा हूं।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, March 10, 2012, 15:20