रेल मंत्रियों की अदला बदली से रुकी मुक्केबाज की पदोन्नति

रेल मंत्रियों की अदला बदली से रुकी मुक्केबाज की पदोन्नति

नई दिल्ली : मुक्केबाज मनोज कुमार को लगभग तीन साल पहले राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने पदोन्नति देने का वादा किया था लेकिन इस मंत्रालय में लगातार फेरबदल के कारण यह वादा अब तक पूरा नहीं हो पाया है। लंदन ओलंपिक खेलों में क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले मनोज ने कहा कि बनर्जी ने 2010 राष्ट्रमंडल खलों के सम्मान समारोह में उन्हें राजपत्रित अधिकारी पद पर पदोन्नत करने का वादा किया था। मनोज ने उन खेलों में 64 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन 2008 में रेलवे से जुड़ने मनोज अब भी सीनियर टिकट कलेक्टर ही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सम्मान समारोह के दौरान उन्होंने मुझसे मेरे पद के बारे में पूछा। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं सीनियर टीसी हूं तो उन्होंने कहा कि यह क्या है हम आपको बेहतर पद पर पदोन्नति देंगे। उन्होंने मुझसे यह वादा किया था। ’’ बनर्जी ने मई 2011 में रेल मंत्रालय छोड़ दिया था और वह बंगाल की मुख्यमंत्री बन गयी थी। इसके बाद मनोज वादे के अनुरूप पदोन्नति के लिये प्रयास कर रहा है लेकिन लगातार मंत्री बदलने से उनका काम नहीं बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा दुर्भाग्य है। जब भी लगता है कि काम बन जाएगा तभी मंत्री बदल जाता है। ’’

हरियाणा का यह मुक्केबाज यहां तक कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल का सिफारिशी पत्र भी लेकर आया लेकिन नौकरशाहों की लाल फीताशाही में उनकी आवाज दबकर रह गयी। बनर्जी के बाद रेल मंत्रालय में चार मंत्री आये। अब सीपी जोशी के पास यह मंत्रालय है जिन्होंने रिश्वत कांड के कारण हटाये गये पवन कुमार बंसल की जगह यह पद संभाला। प्रत्येक मंत्री के पास मनोज का मामला भेजा गया लेकिन इसमें कोई प्रगति नहीं हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके लिये नहीं कह रहे हैं लेकिन वादा किया गया है और उन्हें उसे पूरा करना चाहिए। ’’ केवल मनोज ही इस तरह की परेशानी से नहीं गुजर रहा है। रेलवे के लिये राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले कुलदीप सिंह भी ऐसी परेशानी से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नियमों के हिसाब से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में तीन पदक जीतने पर हम पदोन्नति के हकदार होते हैं लेकिन मैं अब भी इंतजार कर रहा हूं। ’’ (एजेंसी)

First Published: Monday, May 13, 2013, 17:52

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