लक्ष्मण से ही पूछिए क्यों लिया संन्यास: धोनी

लक्ष्मण से ही पूछिए क्यों लिया संन्यास: धोनी

लक्ष्मण से ही पूछिए क्यों लिया संन्यास: धोनीहैदराबाद : टीम इंडिया के कप्तान धोनी से जब लक्ष्मण के अचानक संन्यास लेने के फैसले के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, आपको इस बारे में लक्ष्मण से पूछना चाहिए। लक्ष्मण ने आगामी सत्र को ध्यान में रखकर चार महीने तक एनसीए में कड़ा अभ्यास किया तथा यहां दो अभ्यास मैच भी खेले लेकिन उन्होंने पिछले सप्ताह अचानक संन्यास ले लिया जिससे कयास लगाये जाने लगे कि भारतीय टीम में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार लक्ष्मण को एक चयनकर्ता ने दो मैच के बाद संन्यास लेने के लिये कहा था। यह कलात्मक बल्लेबाज, जिसे कोलकाता में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रन की ऐतिहासिक पारी के लिये याद किया जाता है, इस अल्टीमेटम से नाखुश था और उनके संन्यास लेने का यह मुख्य कारण माना जा रहा है।

भारत की इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में करारी हार के बाद लक्ष्मण से पहले मार्च में राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। धोनी ने कहा कि टीम को इन दोनों की कमी खलेगी लेकिन उन्हें लगता कि इससे युवाओं को खुद को साबित करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर वे दोनों हमारे महान खिलाड़ी थे और मैदान पर हमें उनकी कमी खलेगी। लेकिन ऐसे ही आगे बढ़ा जाता है। यह युवाओं के लिये लंबी अवधि के प्रारूप में जिम्मेदारी उठाने का मौका है। उम्मीद है कि युवा इस मौके का फायदा उठाकर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इन दोनों के संन्यास का मतलब है कि भारत को स्लिप में भी इनकी कमी खलेगी। लक्ष्मण और द्रविड़ लंबे समय तक स्लिप में क्षेत्ररक्षण करते रहे हैं। धोनी ने उम्मीद जतायी कि वीरेंद्र सहवाग, सुरेश रैना और विराट कोहली यह जिम्मेदारी उठाने में सफल रहेंगे।

उन्होंने कहा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमारे पास अच्छे क्षेत्ररक्षक नहीं हे। हमारे पास विराट कोहली, सुरेश रैना और वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी हैं जो स्लिप में क्षेत्ररक्षण करते रहे हैं। हमने देखा है कि युवा गेंद को बहुत अच्छी तरह से कैच करते हैं। पूरी संभावना है कि सहवाग पहली स्लिप में खड़ा होगा। धोनी ने कहा, जब पिच में उछाल हो तो यह चुनौतीपूर्ण होगा। हमें तब राहुल की कमी खलेगी। लेकिन हमें आगे की सोचनी है और उम्मीद है कि युवा जिम्मेदारी उठाएंगे और कुछ अच्छे कैच लेंगे। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 22, 2012, 16:27

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