Last Updated: Tuesday, March 13, 2012, 03:55
नई दिल्ली : आलराउंडर लक्ष्मीरतन शुक्ला के चमत्कारिक प्रदर्शन से बंगाल ने ‘फाइनल का मिथक’ तोड़ते हुए मुंबई को छह विकेट से हराकर विजय हजारे एकदिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीता।
शुक्ला ने पहले 38 रन के एवज में चार विकेट विकेट लेकर मुंबई को 49.2 ओवर में 248 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभायी तथा बाद 90 गेंद पर 106 रन की नाबाद पारी खेलकर अपनी टीम को आसानी से लक्ष्य तक पहुंचाया।
बंगाल ने 46.1 ओवर में चार विकेट पर 252 रन बनाये। बंगाल इससे पहले 2008 से लेकर 2010 तक लगातार तीन बार इस एकदिवसीय टूर्नामेंट के फाइनल में हार गया था लेकिन सौरव गांगुली की अगुवाई में आखिरी बाधा पार करने में सफल रहा। गांगुली ने बाद में इस जीत का श्रेय खिलाड़ियों को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सभी खिलाड़ियों को इस जीत का श्रेय जाता है। हमारी टीम ने शुरू से ही अच्छा प्रदर्शन किया और बंगाल के पास कुछ अच्छे खिलाड़ी है जिनसे काफी संभावनाएं हैं। बंगाल की क्रिकेट सही दिशा में आगे बढ़ रही है।’
मुंबई ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। बेहतरीन फार्म में चल रहे वसीम जाफर ने फिर से टीम की तरफ से सर्वाधिक 61 रन बनाये। उनके अलावा सूर्यकुमार यादव ने 50, और आदित्य तारे ने 35 रन बनाये। बंगाल की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने पहले ओवर में ही विकेट गंवा दिया। गांगुली ने मांसपेशियों में खिंचाव के बावजूद 38 रन की आकषर्क पारी खेली जबकि श्रीवत्स गोस्वामी ने 42 रन का योगदान दिया। जब 33वें ओवर में टीम का स्कोर चार विकेट पर 145 रन था तब शुक्ला ने अनुस्तुप मजूमदार के साथ 107 रन की अटूट साझेदारी की।
मुंबई ने इसके बाद हालांकि नियमित अंतराल में विकेट गंवाये। टीम को आलराउंडर अभिषेक नायर से काफी उम्मीद थी लेकिन वह केवल 11 रन बना पाये। शुक्ला ने मुंबई को शुरुआती झटके दिये। उन्होंने जाफर को बोल्ड करने के बाद रहाणे को विकेट के पीछे कैच कराया और फिर तीसरे नंबर पर उतरे अनूप रेवांदकर को पगबाधा आउट किया।
गांगुली ने अगरकर के इसी ओवर में खूबसूरत कवर ड्राइव से गेंद चार रन के लिये भेजी। इसके बाद उन्होंने इस गेंदबाज के अगले दो ओवर में भी दो चौके लगाये जबकि धवल कुलकर्णी को भी अच्छा सबक सिखाया। गांगुली को हालांकि बीच में मांसपेशियों में खिंचाव के कारण मैदान पर ही चिकित्सकीय मदद लेनी पड़ी जिससे सात मिनट तक खेल रुका रहा। उन्होंने इसके बाद वेंगाकर पर चौका जड़ा लेकिन फिर रेवांदकर की गेंद पर उन्हें वापस कैच दे बैठे। गांगुली ने 53 गेंद खेली तथा छह चौके लगाये।
शानदार फार्म में चल रहे रिधिमान साहा हालांकि 11 रन ही बना पाये । शुक्ला ने शुरू से आक्रामक तेवर अपनाये और अपनी 90 गेंद की पारी में 12 चौके और दो छक्के जड़े। मजूमदार ने कुछ आकषर्क ड्राइव से दर्शकों को रोमांचित किया। उनकी 45 गेंद की पारी में सात चौके शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 13, 2012, 09:26