विजेंदर का डोप टेस्ट करने से नाडा का इनकार, मंत्रालय हैरान

विजेंदर का डोप टेस्ट करने से नाडा का इनकार, मंत्रालय हैरान

विजेंदर का डोप टेस्ट करने से नाडा का इनकार, मंत्रालय हैराननई दिल्ली : राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने मुक्केबाज विजेंदर सिंह का हेरोइन के लिये परीक्षण करने से इन्कार कर दिया है जिससे खेल मंत्रालय भी हैरान है। वह अब अगले कदम के लिये नाडा के लिखित जवाब का इंतजार कर रहा है। नाडा स्वायत्त संस्था है और वह विजेंदर का प्रतियोगिता से इतर नियमित डोपिंग परीक्षण करना चाहती है लेकिन उसने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के प्रोटोकाल का हवाला देकर इस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता का हेराइन परीक्षण करने में असमर्थता जतायी है। इसके जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि वह नाडा से लिखित जवाब मिलने के बाद अपने अगले कदम पर फैसला करेगा। खेल मंत्रालय के सचिव पी के देब ने कहा, ‘‘हमने नाडा से केवल इतना परीक्षण करने के लिये कहा थ कि वह केवल यह पता लगा दे कि क्या उसने हेरोइन ली थी। नाडा ने हमें लिखित में कोई जवाब नहीं दिया है। पहल उन्हें ऐसा करने दो और फिर हम अपने अगले कदम पर विचार करेंगे। ’’

मंत्रालय ने यह विवाद समाप्त करने के लिये कल आगे आया था लेकिन नाडा ने जो रवैया अपनाया है उसका मतलब है कि डोप परीक्षण से भी विजेंदर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिल पाएगा। विजेंदर ने शुरू में खुद को निर्दोष करार दिया था लेकिन अब उन्होंने चुप्पी साध रखी है। नाडा के महानिदेशक मुकुल चटर्जी ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम हेरोइन के लिये विजेंदर का परीक्षण नहीं करेंगे। हम पूरी तरह से नाडा और वाडा संहिता के हिसाब से चलेंगे। हम स्वतंत्र हैं। खेल मंत्रालय जो भी कहे हम किसी खिलाड़ी का प्रतियोगिता से इतर परीक्षण करने पर प्रोटोकाल का अनुसरण करेंगे। ’’

मुखर्जी ने कहा, ‘‘हमें मंत्रालय से जो पत्र मिला है उसमें कोई समय सीमा नहीं है। जब भी नाडा को उचित लगेगा तब वह डोप परीक्षण करेगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘नाडा वाडा संहिता के खिलाफ नहीं जा सकता है। वाडा संहिता और नाडा नियमों के तहत रक्त और मूत्र परीक्षण किया जाता है। हम खेल मंत्रालय की बात भी नहीं काट सकते क्योंकि सरकार ही हमें धन मुहैया कराती है। ’’ चटर्जी ने कहा कि इस मुक्केबाज का डोप परीक्षण नाडा निर्देशों के अनुसार होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी के पास यह खुलासा नहीं करेंगे कि परीक्षण कब और कहां किया जाएगा। यह वाडा संहिता के खिलाफ है। हमने उसका आखिरी परीक्षण जुलाई अगस्त 2012 में किया था जो नेगेटिव रहा था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘वाडा की प्रतियोगिता से इतर परीक्षण के लिये जिन अवयवांे की सूची है उनमें हेरोइन शामिल नहीं है। यह सही है कि हेरोइन का पता तीन महीने के अंदर बालों के नमूने से पता लगाया जा सकता है। हम रक्त और मूत्र के नमूनों से सीमित समय के अंदर हेरोइन का पता कर सकते हैं लेकिन बालों के नमूने से लंबे समय तक इसका पता लगाया जा सकता है। इसलिए नाडा या एनडीटीएल कोई भी बालों का परीक्षण नहीं कर सकता है क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। ’’ दूसरी तरफ विजेंदर ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है जिसने उनका करियर भी खतरे में डाल दिया है।

इस बीच भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने विजेंदर को इस मामले में पाक साफ होने की सलाह दी है। भारतीय महासंघ अभी अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ से निलंबित है। निलंबित आईबीएफ के अध्यक्ष अभिषेक मातोरिया ने कहा, ‘‘यदि उसे कहा जाता है तो उसे अपना नमूना सौंपना चाहिए। हम उसके संपर्क में हैं और वह खुद को निर्दोष बता रहा है। ’’ विजेंदर के पूर्व कोच ने भी ऐसी ही बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘उसे नमूना दे देना चाहिए और मुझे विश्वास है कि वह निर्दोष साबित होगा। ’’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 2, 2013, 15:59

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