Last Updated: Monday, August 19, 2013, 19:23

नई दिल्ली : भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने उप कप्तान विराट कोहली की नेतृत्व क्षमता से बेहद प्रभावित हैं और उन्होंने कहा कि इस युवा बल्लेबाज में भारतीय टीम की अगुवाई करने के सभी गुण मौजूद हैं। धोनी ने आज यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, कप्तान के तौर पर कोहली का रवैया बहुत ही अच्छा है। उसने जिम्बाब्वे दौरे में वास्तव में अच्छी कप्तानी की। सबसे बढिया बात यह है कि वह खुद को अभिव्यक्त करना जानता है। उसमें भारतीय टीम का नेतृत्व करने के लिये सभी गुण मौजूद हैं।
कोहली को भारत का भावी कप्तान माना जा रहा है। धोनी के विश्राम लेने के कारण जिम्बाब्वे के खिलाफ पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला के लिये उन्हें टीम की कमान सौंपी गयी थी। भारत ने इस सीरीज में 5-0 से क्लीन स्वीप किया था। धोनी इस बात से खुश हैं कि कोहली का खेल के प्रति नजरिया बदला है। उन्होंने कहा, कोहली का खेल के प्रति नजरिया बदला है जो भारतीय क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है। उसे पता है कि टीम का अगुआ होने के कारण आपको व्यक्तिगत रूप से अच्छा होना पड़ेगा।
भारतीय कप्तान ने इसके साथ ही कहा कि टीम में चयन का मानदंड उम्र नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, हमारे युवा खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं कि टीम में सभी युवा खिलाड़ी ही होने चाहिए। टीम के लिये अनुभव भी जरूरी होता है। चयन के लिये उम्र नहीं बल्कि फॉर्म और फिटनेस मायने रखती है।
धोनी ने कहा कि चेतेश्वर पुजारा की अगुवाई वाली भारत ‘ए’ टीम अभी दक्षिण अफ्रीका में अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन उनका ध्यान अभी नवंबर में होने वाले दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर नहीं लगा है। उन्होंने कहा, मैं एक समय में एक ही सीरीज पर गौर करता हूं। हमारे लिये ऑस्ट्रेलियाई सीरीज महत्वपूर्ण है क्योंकि हमने उसके खिलाफ घरेलू पिचों पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। जब हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेंगे तो ओस पड़ेगी और ऐसे में टॉस की भूमिका अहम होगी।
भारत को अक्तूबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सात एकदिवसीय और एक टी20 मैच खेलना है। इसके बाद टीम दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर जाएगी जहां वह तीन टेस्ट मैचों के अलावा सीमित ओवरों की सीरीज भी खेलेगी। धोनी ने 2011 में कहा था कि वह 2013 में किसी एक प्रारूप में खेलने पर विचार करेंगे, इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, अभी इंतजार करना पड़ेगा। प्रत्येक प्रारूप महत्वपूर्ण है। खिलाड़ी खुद चुन नहीं सकता कि किस प्रारूप में खेलना है। यह काम चयनकर्ताओं का होता है।
हाल में कपिल देव और सौरव गांगुली ने अपनी सर्वकालिक भारतीय एकादश का चयन किया था। जब धोनी से टीम का चयन करने के बारे में कहा गया तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि मैं अपनी जिंदगी में कभी सर्वकालिक महान टीम का चयन कर पाउंगा। यह मेरे लिये मुश्किल काम है। मेरा मानना है कि जो भी खिलाड़ी भारत के लिये एक भी मैच खेला हो उसका सम्मान किया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 19, 2013, 18:24