नई दिल्ली : भारत को विश्व कप दिलाने वाले दूसरे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कहना है कि उन्हें 100 फीसद यकीन नहीं है कि वह 2015 विश्व कप खेल पाएंगे या नहीं और टूर्नामेंट से दो साल पहले ही इस बारे में फैसला लेंगे।
धोनी ने कहा, ‘यदि आप 2015 की बात करें तो अभी उसमें काफी समय है। पता नहीं तब मैं कहां रहूंगा। मैं 2013 में तय करूंगा कि मैं 2015 विश्व कप के लिए सौ प्रतिशत उपलब्ध हूं या नहीं।’ सीएनएन आईबीएन वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए धोनी ने कहा, ‘आप टीम में ऐसा विकेटकीपर नहीं चाहेंगे जिसने विश्व कप से ठीक पहले 100 या 80 मैच ना खेलें हों। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 2013 के अंक तके अपने शरीर को देखकर मैं फैसला लूंगा।’
धोनी की कप्तानी में भारत ने टी-20 विश्व कप, 50 ओवरों का विश्व कप और चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल तथा चैम्पियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट जीते हैं। धोनी ने कहा कि वह 2015 में भी विश्व कप जीतना चाहेंगे लेकिन अभी पूरी तरह तय नहीं है कि वह खेलेंगे या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘क्यों नहीं, मैं दोबारा जीतना चाहूंगा। सपने नहीं हों तो अच्छा खेलने की प्रेरणा कैसे मिलेगी । लेकिन फोकस निकट भविष्य के लक्ष्य पर होना चाहिए। ज्यादा दूर की सोचना ठीक नहीं। हम हर श्रृंखला जीतना चाहते हैं।’ असल जिंदगी में अपने नायकों के बारे में पूछने पर धोनी ने सचिन तेंदुलकर और अमिताभ बच्चन का नाम लिया।
उन्होंने कहा, ‘यह कठिन सवाल है। सचिन तेंदुलकर हर क्रिकेटर का आदर्श हैं। उसी तरह बॉलीवुड के सबसे बड़े नायक अमिताभ बच्चन हैं जिन्हें पूरी दुनिया जानती है। हमारे लिए वह प्रेरणास्रोत हैं जो इस उम्र में भी इतना बेहतरीन काम कर रहे हैं। ये दोनों आदर्श रोल मॉडल हैं जिन्होंने अपने जीवन में संघर्ष करके कामयाबी हासिल की है। सबसे अच्छी बात है कि ये विनम्र और जमीन से जुड़े हैं जो एक सफल व्यक्ति के लिये काफी अहम है।’ उन्होंने कहा कि वह विश्व कप जीतने के बाद इतने भावुक हो गए थे कि फाइनल के बाद अपने साथी खिलाड़ियों के साथ रो पड़े थे। हम सभी विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनना चाहते थे। पिछली बार हमने 28 साल पहले विश्व कप जीता था। जब हमने विश्व कप जीत लिया तो जज्बात पर काबू नहीं रहा। मैच के बाद पुरस्कार समारोह में हर खिलाड़ी रोया।’
यह पूछने पर कि क्या वह भी रोए थे, धोनी ने कहा, ‘हां, मैं रोया। उसके फुटेज नहीं हैं। इस तरह के जज्बात रोक पाना मुश्किल होता है। मैं खुद पर काबू कर रहा था। मैं जल्दी से ड्रेसिंग रूम जाना चाहता था और मैने देखा कि दो और खिलाड़ी रोते हुए मेरे पास आ रहे हैं। मैं भी रोने लगा और फिर मैने देखा कि सभी मेरे आसपास हैं और सभी रोए।’
भारत पर विश्व कप जीतने के दबाव के बारे में धोनी ने कहा, ‘मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल याद है। लोगों को लगा कि यह विश्व कप का सबसे बड़ा मैच है। फिर सेमीफाइनल में पाकिस्तान से मुकाबले के समय लोग कहते थे ‘इस मैच को जीत जाओ, फाइनल के बारे में मत सोचो। सेमीफाइनल जीतने के बाद लोग कहने लगे कि अब तक जो कुछ किया, उसके कोई मायने नहीं यदि विश्व कप नहीं जीता तो। दबाव को था ही।’ धोनी ने कहा कि वह वर्तमान में जीतने में यकीन करते हैं।
धोनी ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन अपने देश का प्रतिनिधित्व करूंगा। अब मैं अपने देश का कप्तान हूं। यह परीकथा की तरह है। मैंने कड़ी मेहनत की है लेकिन मैने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन भारतीय टीम में मेरा चयन होगा।’ क्रिकेट से इतर रांची में बिताए जाने वाले समय के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मुझे रांची बहुत पसंद है। मेरे घर पर तीन कुत्ते हैं। श्रृंखला जीतने या हारने के बावजूद उनका मेरे प्रति बर्ताव एक सा होता है। सुबह देर से उठना, अपनी बाइक धोना, परिवार के साथ समय बिताना, दोस्तों के साथ घूमना और सड़क पर होटल में लंच या डिनर करना मुझे पसंद है।’
यह पूछने पर कि विश्व कप जीतने और शादी करने में से कठिन क्या था, धोनी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दोनों काम कठिन थे। अचानक से जिंदगी में कोई ऐसा आता है जो चौबीसों घंटे आपके साथ रहता है और उसके अनुसार खुद को ढालना पड़ता है। उसे भी आपके अनुसार खुद को ढालना होता है। पहले छह महीने एक दूसरे को समझने में निकल जाते हैं। गर्लफ्रेंड या ब्वायफ्रेंड के साथ फोन पर काम चल जाता है लेकिन चौबीसों घंटे साथ रहने पर जीवनशैली में बदलाव करना पड़ता है।’
(एजेंसी)