Last Updated: Sunday, December 23, 2012, 14:25

मुंबई : भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने रविवार को साफ किया कि सचिन तेंदुलकर ने उनके संन्यास को लेकर मचे बवाल के कारण नहीं बल्कि 2015 के विश्व कप की तैयारियों को ध्यान में रखकर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा।
बीसीसीआई के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने कहा,‘उन्होंने जो बात की उससे साफ हो गया कि वह चाहते थे कि भारत अभी से अगले विश्व कप की तैयारियों में जुट जाए। इसको ध्यान में रखते हुए उन्हें लगा कि यह संन्यास लेने का सही समय है।’
क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक तेंदुलकर ने रविवार को एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। क्रिकेट बोर्ड के सचिव संजय जगदाले ने कहा कि तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ वनडे टीम के चयन के पहले उन्हें अपने फैसले से सूचित कर दिया था।
जगदाले ने कहा,‘यह सब अचानक नहीं हुआ। उन्होंने चयन से पहले हमें अपने फैसले से अवगत करा दिया था। हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए। जिस तरह बीसीसीआई और क्रिकेट प्रेमी उनका सम्मान करते हैं उसी तरह से उन्हें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए।’
उन्होंने कहा,‘वह न सिर्फ महान टेस्ट बल्लेबाज थे बल्कि बेहतरीन एकदिवसीय बल्लेबाज भी थे। टी-20 में उन्होंने जो भी मैच खेले उनमें उन्होंने शानदार खेल दिखाया। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। यह उनका स्वयं का फैसला है और लोगों को इसका सम्मान करना चाहिए।’
उन्होंने कहा,‘उन जैसा महान खिलाड़ी जानता है कि क्या करना है। उन्होंने हमेशा सही समय पर सही फैसला किया। वह भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे।’ जगदाले ने यह कहने से इन्कार कर दिया कि तेंदुलकर ने वास्तव में उनसे क्या बात की थी।
शेट्टी ने कहा कि तेंदुलकर पर यह फैसला लेने का दबाव नहीं था। उन्होंने कहा,‘मैं समझता हूं कि यह बड़ा फैसला है। जो खिलाड़ी 23 साल से सभी प्रारूपों में खेल रहा हो उसने यह फैसला काफी सोच विचार कर किया होगा।’
उन्होंने कहा,‘उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था। बोर्ड की तरफ से भी उन पर दबाव नहीं था। बोर्ड अध्यक्ष ने उनसे बात करके संन्यास का फैसला पूरी तरह से उन पर छोड़ दिया था। पिछले पांच साल से हम इस पर बात कर रहे थे क्योंकि 2007 से उनके संन्यास पर बात चल रही थी।’
उन्होंने कहा,‘वह जिस तरह के खिलाड़ी हैं तो वही फैसला करेंगे कि कब उन्हें संन्यास लेना है। वह सीमित ओवरों से संन्यास ले चुके हैं। हमें टेस्ट मैचों का फैसला भी उन पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि वही सही अनुमान लगा सकते हैं कि वह कब तक खेल सकते हैं और कब वह बेहतर बल्लेबाजी कर सकते हैं। यह पूरी तरह से उनका फैसला होगा।’
शेट्टी ने कहा कि फैसला चौंकाने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं इसे चौंकाने वाला फैसला नहीं कहूंगा। वह भी इस बारे में सोच रहे थे। वह इसके लिए सही समय का इंतजार कर रहे थे और आज उन्होंने एकदिवसीय प्रारूप से संन्यास लेने की इच्छा जताई तथा बीसीसीआई उनके फैसले का सम्मान करता है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 23, 2012, 14:25