Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 23:56

नई दिल्ली : आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण का मई में जब खुलासा हुआ तो राजस्थान रॉयल्स के कप्तान राहुल द्रविड़ को लगा कि तेज गेंदबाजों एस श्रीसंत और टीम के दो अन्य साथियों अंकित चव्हाण और अजित चंदीला ने उनके साथ धोखेबाजी की है। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने पिछले बुधवार को बेंगलूर में पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज द्रविड़ के आवास में भारतीय दंड संहिता की धारा 161 के तहत उनका बयान दर्ज किया। इसमें द्रविड़ ने कहा है कि जब उन्होंने पहली बार इन खबरों के बारे में सुना तो वह टीम के अपने साथियों के बर्ताव से ठगा हुआ महसूस कर रहे थे।
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में अपना पक्ष मजबूत करने की कवायद के तहत दिल्ली पुलिस ने इस मामले में द्रविड़ को अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया है। इस मामले में ऐसे सट्टेबाज भी शामिल हैं जिनके अंडरवर्ल्ड से रिश्ते हैं। पुलिस ने कहा कि द्रविड़ के स्टार के दर्जे और लोगों की नजरों में उनके सम्मान को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने राज कुंद्रा की तरह उन्हें अपने कार्यालय में तलब नहीं किया।
पुलिस ने द्रविड़ से पूछा कि क्या उन्हें कोई आभास था कि ये तीनों खिलाड़ी कमतर प्रदर्शन कर रहे हैं या इन्हें अंतिम एकादश में चुनने के लिए कोई दबाव था। द्रविड़ ने अपने बयान में कहा, इन खिलाड़ियों को लेकर मुझे कभी कोई संदेह नहीं था। मैं प्रत्येक मैच के आधार पर टीम का चयन किया करता था। अधिकारी ने कहा कि इस मामले में द्रविड़ की ओर कोई अंगुली नहीं उठाई गई है। उन्होंने इस दागी तिकड़ी पर शिकंजा कसने और मजबूत आरोपपत्र दाखिल करने के लिए उनका बयान दर्ज किया है।
विशेष प्रकोष्ठ ने राजस्थान रायल्स के कोच पैडी उपटन के बयान दर्ज करने की योजना भी बनाई है जो अभी दक्षिण अफ्रीका में हैं। अधिकारी ने कहा, भारत लौटने पर उपटन को भी अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया जा सकता है। दिल्ली पुलिस ने आईपीएल के छठे टूर्नामेंट के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में श्रीसंत, चव्हाण और चंदीला को मुंबई से गिरफ्तार किया था जिससे इस लुभावनी टी20 लीग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए थे। श्रीसंत और चव्हाण को लगभग 27 दिन तक जेल में रहने के बाद जमानत मिल गई जबकि चंदीला अब भी जेल में हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 19:41