संविधान में संशोधन के साथ आईएबीएफ तैयार

संविधान में संशोधन के साथ आईएबीएफ तैयार

नई दिल्ली : निलंबित भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (आईएबीएफ) ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) से मान्यता प्राप्त करने के लिए अपने दावों के अनुसार पहला कदम उठा लिया है और संशोधित संविधान का मसौदा तैयार कर लिया है जो एआईबीए नियमों के अनुरूप होगा। एआईबीए ने पिछले साल दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के भारतीय ओलंपिक संघ पर लगाए गए प्रतिबंध और मुक्केबाजी महासंघ के चुनावों में ‘संभव गड़बड़ी’ का हवाला देते हुए आईएबीएफ को निलंबित कर दिया था।

अंतरराष्ट्रीय संस्था ने इस निलंबन को हटाने के लिये आईएबीएफ से दोबारा चुनाव कराने और संविधान में बदलाव करने के लिये कहा था। आईएबीएफ के एक सूत्र ने कहा, ‘आईएबीएफ के कुछ उपाध्यक्षों और सीनियर अधिकारियों, जिसमें निलंबित संस्था के अध्यक्ष अभिषेक मटोरिया भी शामिल थे, ने चंडीगढ़ में छह जनवरी को मुलाकात की। उन्होंने संवैधानिक संशोधनों की चर्चा की जो एआईबीए द्वारा सुझाये गये थे और एआईबीए के नियमों को भी देखा।’

उन्होंने कहा, ‘यह मसौदा एआईबीए कानून के अंतर्गत है और इसे मंजूरी के लिए जल्द ही उन्हें भेजा जाएगा। एक बार एआईबीए इसे मंजूरी दे देता है तो संविधान में ये संशोधन शामिल कर लिए जाएंगे और दोबारा चुनाव कराने का अगला कदम उठाया जाएगा।’ आईएबीएफ अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए नए मसौदे में एआईबीएफ पेशेवर मुक्केबाजी और विश्व सीरीज मुक्केबाजी के नियम और प्रावधानों को शामिल किया गया है, जिसका विश्व संस्था ने सुझाव दिया था।

अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पिछले संविधान में पेशेवर मुक्केबाजी को छुआ भी नहीं गया था, लेकिन इस संशोधित मसौदे में नियम और प्रावधान शामिल किये गये हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन संशोधित मसौदे में चुनाव की पूरी प्रक्रिया उचित तौर पर बतायी गयी है जो पिछले संविधान में नहीं थी। इसे एक या दो दिन में भेज दिया जायेगा और एक बार हमें मंजूरी मिल जायेगी तो चीजें सरल हो जायेंगी।’ अधिकारी ने कहा, ‘यहां तक कि एआईबीए अध्यक्ष चिंग कुओ वु ने साफ कर दिया है कि निलंबन हटाए जाने के लिए संवैधानिक संशोधन काफी महत्वपूर्ण हैं।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 10, 2013, 17:58

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