सचिन के संन्यास पर पूर्व क्रिकेटरों ने बांधे तारीफों के पुल, Ex cricketer praises Tendulkar

सचिन के संन्यास पर पूर्व क्रिकेटरों ने बांधे तारीफों के पुल

सचिन के संन्यास पर पूर्व क्रिकेटरों ने बांधे तारीफों के पुल मुंबई : क्रिकेट जगत ने सचिन तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने पर उनकी तारीफों के पुल बांधते हुए रविवार को कहा कि रिकॉर्डों के बादशाह की उपलब्धियों तक पहुंचना किसी भी बल्लेबाज के लिए नामुमकिन होगा।

इस 39 वर्षीय क्रिकेटर के वनडे से संन्यास लेने की घोषणा के तुरंत बाद इस पर प्रतिक्रियाएं आने लगी। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा,‘मुझे लगता है कि उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला में खेलना चाहिए था। लेकिन यह उनका फैसला है और यह सही है। इस पर सवाल उठाए जा रहे थे कि उन्हें वनडे क्रिकेट खेलना चाहिए या नहीं। लेकिन मैं उनके फैसले से हैरान नहीं हूं। उन्होंने वही किया जो उन्हें सही लगा।’

उन्होंने कहा,‘मुझे नहीं लगता कि उन पर चयनकर्ताओं की तरफ से किसी तरह का दबाव था। यह उनका खुद का फैसला था। उन्हें कोई बाहर नहीं कर सकता था।’ तेंदुलकर के पहले कप्तान रहे के श्रीकांत ने कहा कि वह इस बल्लेबाज के फैसले से हैरान हैं।

उन्होंने कहा,‘मैं उनके फैसले से हैरान हूं लेकिन वह सम्मान के साथ वनडे क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि वह टेस्ट क्रिकेट से भी सम्मान के साथ विदा होना चाहेंगे। उनकी निगाह आस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छी टेस्ट श्रृंखला पर होगी।’

श्रीकांत ने कहा,‘उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन उन्होंने हमेशा अच्छे आक्रमण के खिलाफ बेहतर खेल दिखाया। चाहे वह 1992 विश्व कप हो या 2003 या फिर 2011 का विश्व कप उन्होंने हमेशा पाकिस्तान के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया।’

पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने कहा,‘मैं समझता हूं कि उन्होंने संन्यास लेकर भारतीय क्रिकेट को उपकृत किया। आखिर भगवान ने फैसला किया। सभी बात कर रहे थे कि उन्हें संन्यास लेना चाहिए। यदि मैं क्रिकेट खेल रहा होता चाहे मैं अच्छा या बुरा खेल रहा होता लेकिन मैं फैसला चयनकर्ताओं पर छोड़ता।’

आजाद ने कहा,‘चयनकर्ताओं ने फैसला नहीं किया। मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं के फैसला नहीं करने से वह भी परेशान हो गए थे। मुझे बहुत खुशी है कि उन्होंने सही समय पर सही फैसला किया।’ एक अन्य पूर्व क्रिकेटर बापू नाडकर्णी ने कहा कि तेंदुलकर के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,‘पिछले कुछ समय से उनके संन्यास की संभावना जतायी जा रही थी और उन्हें लगता है कि वह पांच दिनी क्रिकेट में खेलने के लिए बेहतर स्थिति में हैं और इसलिए उन्होंने टेस्ट मैचों से संन्यास नहीं लिया।’

उन्होंने कहा,‘वही इस बारे में फैसला कर सकते हैं कि उन्हें अन्य प्रारूपों से कब संन्यास लेना है क्योंकि अपने शरीर के बारे में वह बेहतर जानते हैं। लोग लंबे समय से कहते रहे हैं कि वह कब संन्यास ले रहे हैं। अब उन्होंने वनडे से संन्यास ले लिया है तो लोग कह रहे हैं कि उन्होंने संन्यास क्यों लिया। मैं भारतीय लोगों को नहीं समझ पाता।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 23, 2012, 16:21

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