Last Updated: Wednesday, October 17, 2012, 11:44

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के एक राजनीतिज्ञ ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को खेलों में योगदान देने के लिये आर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया से सम्मानित करने के प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड के फैसले पर सवाल उठाये हैं। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार निर्दलीय सांसद राब ओकशाट ने इस स्टार बल्लेबाज के प्रति अपना स्नेह व्यक्त किया है लेकिन उन्होंने कहा कि विशेष सम्मान का उपयोग राजनीतिक फायदे के लिये नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, मैं सचिन तेंदुलकर को पसंद करता हूं। मुझे क्रिकेट पसंद है लेकिन आप इसे नरम कूटनीति कह सकते हैं जिससे मुझे समस्या है। ऑस्ट्रेलियाई सम्मान के जरिये ऐसा किया गया। ओकशाट ने कहा कि ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया केवल सामुदायिक कार्यो में योगदान देने वाले आस्ट्रेलियाई नागरिकों को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं इसके लिये हायतौबा नहीं मचा रहा हूं लेकिन सम्मानितों की सूची में केवल ऑस्ट्रेलियाई होने चाहिए क्योंकि यह उनकी अखंडता से जुड़ा मसला है। ओकशाट ने कहा कि तेंदुलकर को सम्मान कूटनीति का हिस्सा है। उन्होंने इसके साथ ही ‘ऑस्ट्रेलिया भारत पुरस्कार’ जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मान की शुरुआत करने की भी सलाह दी।
भारत की तीन दिन की यात्रा पर आयी गिलार्ड ने कल तेंदुलकर को यह विशेष सम्मान देने की घोषणा की थी।गिलार्ड ने कहा था, यह बहुत खास सम्मान है। यह ऐसे व्यक्ति को बहुत कम दिया जाता है जो ऑस्ट्रेलियाई नागरिक या ऑ स्ट्रेलियाई नहीं हो। वह अभी विदेश में क्रिकेट खेल रहे हैं। कैबिनेट मंत्री साइमन क्रीन अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। यह खास सम्मान है और सचिन बहुत खास क्रिकेटर हैं।
एबीसी ने इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग’ के अध्यक्ष रुचिर पंजाबी का बयान भी दिया है। उन्होंने कहा कि गिलार्ड के इस कदम से आस्ट्रेलिया में रहने वाली भारतीय जनता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि सचिन तेंदुलकर को आर्डर आफ आस्ट्रेलिया मुख्य मसले से अधिक महत्व रखता है। यह मुख्य मसला भारत सरकार के साथ विश्वास से जुड़ा मुद्दा है जबकि सचिन तेंदुलकर को आर्डर आफ आस्ट्रेलिया यहां अधिकतर समाचार पत्रों की मुख्य खबर होगा। मुझे लगता है कि इस तरह की चीजें दोनों देशों को करीब लाने में अहम भूमिका निभाती हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 17, 2012, 11:01