Last Updated: Friday, November 16, 2012, 08:46

अहमदाबाद : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का मानना है कि सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग देखो और मारो की अपनी रणनीति को छोड़ने के कारण लगभग दो साल बाद पहला टेस्ट शतक बनाने में सफल रहे। सहवाग ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के शुरुआती दिन 117 रन बनाये। गावस्कर ने कहा कि देखो और मारो यह टेस्ट क्रिकेट नहीं होता। वह ऐसा करता था जो गलत था। अब वह संयम के साथ खेला। आपको क्रीज पर समय बिताना पड़ता है।
गावस्कर को निराशा है कि सहवाग दोहरा शतक नहीं बना पाये। उन्होंने कहा कि वह प्रतिबद्ध होकर खेल रहा था। उसने संयम बनाये रखा। यह निराशाजनक है कि वह दोहरा शतक नहीं बना पाया। मुझे निराशा है और यहां तक कि वह भी निराश होगा। जब कोई लंबे समय बाद शतक लगाता है तो वह बड़ी पारी खेलना चाहता है। लेकिन उसने अपनी भूमिका निभायी। यह केवल व्यक्तिगत निराशा है।
उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि उसने लंबे समय बाद शतक लगाया है। इसका मतलब है कि हम उससे सिर्फ इस श्रृंखला में नहीं बल्कि सत्र में आगे भी कुछ और शतकों की उम्मीद कर सकते हैं। सहवाग ने इससे पहले अपना आखिरी शतक नवंबर 2010 में बनाया था। गावस्कर ने चेतेश्वर पुजारा की भी तारीफ की जो 98 रन बनाकर खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि वह धर्य के साथ बल्लेबाजी करता है। हमने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 72 रन की पारी और न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक के दौरान भी इसे देखा था। लेकिन उसकी असली परीक्षा विदेशों में होगी और तब हम जानेंगे कि हमें राहुल द्रविड़ का सही विकल्प मिल गया है या नहीं। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 16, 2012, 08:46