Last Updated: Monday, February 6, 2012, 09:59
नई दिल्ली: सहारा के भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन और आईपीएल फ्रेंचाइजी पुणे वारियर्स के मालिकाना हक से हटने से आहत बीसीसीआई इस कारपोरेट ग्रुप से मामला सुलझाने के लिये बेताब है और उसने कहा कि वह ‘जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहता।’
सहारा ने दो दिन पहले भारतीय क्रिकेट से अपने 11 साल के संबंध को तोड़ने का फैसला किया था। बीसीसीआई ने कहा कि वह इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कंपनी से बातचीत के लिए तैयार है। बीसीसीआई उपाध्यक्ष और आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा, ‘हम चर्चा और बातचीत के लिए तैयार हैं क्योंकि वे 11 साल से हमारे साझीदार रहे हैं । हम जल्दबाजी में कोई भी फैसला नहीं करना चाहते।’ सहारा ने शनिवार की सुबह आईपीएल 2012 की नीलामी से एक घंटा पहले बीसीसीआई से हटने का फैसला किया जिससे नीलामी पुणे वारियर्स के प्रतिनिधित्व के बिना ही संपन्न हुई।
सहारा ने शकायत की कि बीसीसीआई ने उसकी खिलाड़ियों और आईपीएल में मैच की संख्या से संबंधित वास्तविक शिकायतों पर विचार नहीं किया। सहारा के हटने का मतलब है कि पुणे वारियर्स के खिलाड़ियों का भाग्य भी अनिश्चित है और अगर उन्हें नयी फ्रेंचाइजी नहीं मिलती है तो वे नहीं खेल पाएंगे। लेकिन शुक्ला इस मामले को सुलझाने के लिए सकारात्मक दिख रहे हैं और उन्होंने कहा कि पुणे वारियर्स अब भी आईपीएल से जुड़ी हुई है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 6, 2012, 19:29