सीरिज पटौदी के नाम करने की शर्मिला की अपील BCCI ने ठुकरायी

सीरिज पटौदी के नाम करने की शर्मिला की अपील BCCI ने ठुकरायी

सीरिज पटौदी के नाम करने की शर्मिला की अपील BCCI ने ठुकरायीनई दिल्ली : अभिनेत्री शर्मिला टैगोर द्वारा भारत और इंग्लैंड के बीच आगामी श्रृंखला का नाम औपचारिक रूप से उनके दिवंगत पति मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर रखने की अपील बीसीसीआई ने ठुकरा दी है। बीसीसीआई ने कहा कि वह श्रृंखला का नाम नहीं बदल सकता क्योंकि यह श्रृंखला 1951 से ही एंथनी डि मेलो ट्राफी के लिए खेली जाती है।

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने इस पूर्व भारतीय क्रिकेटर के नाम पर 2007 में पटौदी ट्राफी देने का विचार पेश किया था।

वर्ष 1932 में भारत और इंग्लैंड के बीच पहली टेस्ट श्रृंखला के 75 बरस पूरा होने के जश्न के तौर पर यह विचार पेश किया गया था लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने ट्राफी का नाम पटौदी के नाम पर रखने को आधिकारिक स्वीकृति नहीं दी थी।

दो नवंबर को बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को भेजे ईमेल में शर्मिला ने इस दिवंगत क्रिकेटर के सम्मान में पटौदी स्मृति लेक्चर की औपचारिकता में देरी और इस पूर्व भारतीय कप्तान से जुड़े कुछ कानूनी मुद्दों के हल में बोर्ड की हिचक के बारे में भी लिखा था। बोर्ड ने कहा कि भारत में भारत-इंग्लैंड श्रृंखला हमेशा 1951 से ही एंथनी डि मेलो ट्राफी के लिए खेली जाती है।

बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बयान में कहा, ‘भारत और इंग्लैंड के बीच भारत में होने वाली टेस्ट श्रृंखला 1951 से बीसीसीआई के पहले सचिव एंथनी डि मेलो ट्राफी के लिए खेली जाती है। भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए उनके नाम पर यह ट्राफी शुरू की गई थी।

बीसीसीआई का बयान शर्मिला के पत्र के मीडिया में आने के कुछ घंटे बाद आया है। बयान के अनुसार, ‘एमसीसी ने 2007 में इंग्लैंड-भारत श्रृंखला के लिये पटौदी ट्राफी शुरू करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन बीसीसीआई ने तभी साफ कर दिया था कि इस ट्राफी को पहले ही एंथनी डि मेलो का नाम दिया गया है।’

शर्मिला ने कहा,‘प्रो. रत्नाकर शेट्टी ने मुझे पत्र लिखा था और मैंने श्रीनिवासन को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या इसमें परिवार की कोई भूमिका है, क्या हम व्याख्याता का नाम सुझा सकते हैं। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि परिवार की इसमें कोई भूमिका नहीं है लेकिन यह प्रत्येक वर्ष होगा।’

शर्मिला ने कहा,‘इसको एक साल से भी अधिक समय हो गया है और चीजों जहां की तहां है। कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, किसी ने मुझसे बात नहीं की। मैंने उन्हें अपना नंबर दिया। वो शायद व्यस्त थे। मुझे नहीं पता लेकिन किसी ने मुझे फोन नहीं किया या वापस नहीं लिखा।’

उन्होंने कहा,‘मैंने अपने मित्रों के जरिए बात की थी इसलिए मुझे नहीं पता कि वे क्या सोच रहे हैं। अगर वे मुझे बता देते हैं कि यह होगा या नहीं तो मुझे खुशी होगी जिससे कि मैं इस मामले को आगे नहीं बढ़ाऊं।’

भारत की ओर से 46 टेस्ट में 34. 91 की औसत से 2793 रन बनाने वाले पटौदी का 22 सितंबर 2011 को निधन हो गया था। उन्होंने 40 टेस्ट में भारत की कप्तानी की। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 6, 2012, 21:40

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