सौरभ गांगुली ने सादगी से मनाया 41वां जन्मदिन---Ganguly turns 41, keeps his birthday a low-key affair

सौरभ गांगुली ने सादगी से मनाया 41वां जन्मदिन

सौरभ गांगुली ने सादगी से मनाया 41वां जन्मदिनज़ी मीडिया ब्यूरो
कोलकाता : भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली आज 41 बरस के हो गए हैं। उन्होंने अपना 41वां जन्मदिन सादगी से मनाया। देश भर में उनके प्रशंसकों ने उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया। कोलकाता में उनके आवास पर सुबह से ही बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

गांगुली आज सुबह सिंगापुर में बिजनेस के सिलसिले की एक बैठक में भाग लेकर लौटे लेकिन उन्होंने समूह में आए अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया और उनके सामने केक काटा। इस साल फरवरी में अपने पिता चंडीदास गांगुली के निधन के बाद गांगुली का यह पहला जन्मदिन था और वह काफी दुखी और भावुक दिखे।

उन्होंने कहा, मैं इस बार जन्मदिन नहीं मना रहा हूं। इस साल की शुरूआत दुखद रही। अपने प्रशंसकों को जन्मदिन पर संदेश में उन्होंने कहा, आप जो भी करें, उसमें कुछ हासिल करने की कोशिश करें। कुछ अलग हटकर करें वरना जिंदगी नीरस हो जाएगी। सुसना के जी बी मेमोरियल इंस्टीटयूट की क्रिकेट टीम बड़ा सा केक और गुलदस्ता लेकर गांगुली के घर पहुंची थी जबकि बेहाला में सौरव गांगुली फैन क्लब के 30 सदस्यों ने उन्हें ग्रामोफोन रिकॉर्ड से बनी घड़ी भेंट की।

क्लब के रतन हलधर ने कहा, हम दादा को तब से बधाई देते आए हैं जब वह भारत के कप्तान बने थे। हमारे लिए यह बडा दिन है और हम दादा के नाम पर मिठाइयां और केक बांटेंगे। इंस्टीटयूट के कोच शांतनु शाह ने कहा, दादा हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। इन उदीयमान क्रिकेटरों के लिए यह बडा मौका है।

सोशल मीडिया पर भी गांगुली को बड़ी संख्या में लोगों ने बधाई दी। उनकी पूर्व आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सीईओ वेंकी मैसूर ने कहा, कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से सौरव गांगुली को जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं। भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदलने वाले गांगुली सर्वश्रेष्ठ खब्बू बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। उनके बारे में एक बार राहुल द्रविड़ ने कहा था, ऑफ साइड पर पहले भगवान है और फिर सौरव गांगुली है। गांगुली की कप्तानी में ही भारत ने विदेशी सरजमीं पर जीतने का मंत्र सीखा। उनका 16 बरस का करियर उतार चढाव से भरा रहा।

नेटवेस्ट फाइनल (2002) जीतने के बाद लार्डस की बालकनी पर उनका कमीज उतारकर हवा में लहराना ऐसा पल है जिसे कोई भारतीय क्रिकेटप्रेमी नहीं भूल सकता। पांच साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके गांगुली सर्वश्रेष्ठ कमेंटेटरों में माने जाते हैं। अब वह कोलकाता और सिलीगुड़ी में सौरव गांगुली अंतरराष्ट्रीय स्कूल के लॉन्च में व्यस्त हैं।

First Published: Monday, July 8, 2013, 20:27

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