Last Updated: Tuesday, June 11, 2013, 09:15
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में 27 दिनों से जेल में बंद एस श्रीसंत आज रिहा होंगे। इनके अलावे अंकित चव्हाण समेत 18 अन्य आरोपी भी रिहा होंगे। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को मकोका के कड़े प्रावधान लगाने के लिए उसे आड़े हाथ लेते हुए आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में 19 आरोपी को जमानत प्रदान कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनय कुमार खन्ना ने कहा, ‘यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि इस समय आरोपी महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत दोषी है।’ अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया ‘कोई समुचित सामग्री’ नहीं है जो यह साबित करती हो कि उनकी संगठित अपराध गिरोह के साथ ‘साठगांठ’ थी।
दोनों खिलाड़ियों के अलावा अदालत ने 17 अन्य आरोपियों को राहत प्रदान की। इनमें 14 सट्टेबाज शामिल है। इनको 50 हजार रुपए के निजी मुचलके और उतनी ही राशि की जमानत देने को को कहा गया। न्यायाधीश ने कहा, ‘आरोप हैं कि गिरोह को लाभ पहुंचाने के लिए स्ट्टेबाजों ने सट्टेबाजी की और खिलाड़ियों ने फिक्सिंग की।’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले की गहन पड़ताल करने और अदालत के समक्ष पेश सामग्री पर गौर करने के बाद अदालत ने पाया कि रिकॉर्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह स्थापित करती हो कि आरोपियों की संगठित अपराध गिरोह के साथ साठगांठ थी।’
दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में श्रीसंत एवं राजस्थान रॉयल्स के उसके दो टीम सहयोगियों चव्हाण एवं अजीत चंदीला सहित 26 को अभी तक गिरफ्तार किया गया है। अदालत द्वारा जिन 19 लोगों को जमानत प्रदान की गई है उनके अलाव छह अन्य अभी 18 जून तक की न्यायिक हिरासत में है। एक कथित सट्टेबाज रमेश व्यास 18 जून तक की पुलिस हिरासत में है। चंदीला एवं छह अन्य ने अभी तक जमानत के लिए आवेदन नहीं किया है।
पुलिस अदालत को संतुष्ट करने में विफल रही। उसने अपराध जगत सरगना दाउद इब्राहिम एवं छोटा शकील द्वारा संचालित संगठित अपराध गिरोह में शामिल होने के कारण मकोका के तहत आरोप लगाने के अपने निर्णय को उचित ठहराने के लिए रिकार्ड पर साक्ष्य रखे। न्यायाधीश ने कहा, ‘मुझे साक्ष्यों की पड़ताल करनी होगी और उसी के बाद मैं मामला और यह तय करने में सक्षम हो पाउंगा कि क्या इन लोगों की बाहर बैठे हुए अपराध जगत के लोगों के साथ साठगांठ है।’
न्यायाधीश की यह टिप्पणी तब आयी जब पुलिस ने कहा कि वह 18 जून से पहले दस्तावेज एवं साक्ष्य अदालत में पेश नहीं कर सकती क्योंकि जांच प्रारंभिक स्तर पर है। अदालत ने कहा, ‘यह मकोका के प्रावधानों का दुरूपयोग होगा लिहाजा आपको संबद्ध दस्तावेज देने पड़ेंगे। यदि आपने उनके खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज किया है तो इसका मतलब यह है कि आपके पास समुचित मंजूरी और उनमें से प्रत्येक के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होंगे।’ देर शाम तक चली सुनवाई में अतिरिक्त लोक अभियोजक राजीव मोहन ने कहा कि दाउद, शकील, जावेद चुरानी और सलमान सट्टेबाजों के साथ निरंतर संपर्क में थे जिनमें रमेश व्यास भी शामिल था।
First Published: Tuesday, June 11, 2013, 09:15