हार के बावजूद धोनी बचा लेते हैं कप्तानी - Zee News हिंदी

हार के बावजूद धोनी बचा लेते हैं कप्तानी

ब्रिस्बेन : महेंद्र सिंह धोनी की तरह विदेशी सरजमीं पर लगातार दो टेस्ट श्रृंखलाओं में क्लीनस्वीप के बाद कोई कप्तान अपना पद बचने की उम्मीद नहीं कर सकता लेकिन आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में नौ महीने के भीतर दो वाइटवाश झेलने के बावजूद धोनी टीम में और मजबूत बनकर उभरे हैं।
धोनी की कप्तानी में भारत ने विदेशी सरजमीं पर लगातार सात टेस्ट गंवाए हैं जिसमें से चार में टीम को पारी की हार का सामना करना पड़ा जबकि एक में 300 से अधिक रनों से हार झेलनी पड़ी। दो अन्य मैच टीम ने 196 और 122 रन से गंवाए। स्वयं की बल्लेबाजी भी काफी प्रभावी नहीं रही। वह इंग्लैंड में आठ पारियों में 31.43 की औसत से 220 रन ही बना पाए जबकि आस्ट्रेलिया में तीन टेस्ट की छह पारियों में उन्होंने 20.42 की बेहद खराब औसत से केवल 102 रन जोड़े।

 

इसके बावजूद अपनी पुरानी उपलब्यिों के कारण अपने पद पर बरकरार हैं। टीम ने उनकी अगुआई में दो विश्व खिताब जीते हैं और कई कारनामे पहली बार किए जिसमें आस्ट्रेलिया में एकदिवसीय श्रृंखला जीतना भी शामिल है। इसके अलावा धोनी को कोई मजबूत विकल्प भी फिलहाल उपलब्ध नहीं है।

 

अजहरूद्दीन ने इंग्लैंड में श्रृंखला हारने के बाद 1996 में जब कप्तानी गंवाई थी तो सचिन तेंदुलकर टीम की कमान संभालने के लिए तैयार थे और किसी ने उन्हें यह भूमिका सौंपने पर सवाल भी नहीं उठाया। विदेशी सरजमीं पर सौरव गांगुली की ढेरों उपलब्धियां उस समय बेमानी साबित हुई जब 2005 में कोच ग्रेग चैपल से विवाद के कारण उन्हे टीम से बाहर बैठना पड़ा था।

 

 

विव रिचडर्स ने कप्तान के रूप में कोई श्रृंखला नहीं गंवाई और उनकी अगुआई में टीम ने 50 में से 27 टेस्ट जीते लेकिन इसके बावजूद उन्हें संन्यास लेने के लिए बाध्य किया गया और रिची रिचर्डसन को टीम की कमान सौंपी गई। पाकिस्तान में कप्तानों को उनके पद से हटाया जाना बड़ी बात नहीं है। वसीम अकरम और वकार यूनिस को 1990 के दशक में बार बार एक दूसरे की जगह कप्तान बनाया गया।
इंग्लैंड में भी यही सिलसिला देखने को मिला। माइकल वान ने 2005 में इंग्लैंड को एशेज दिलाई और पांच साल तक टीम की कमान संभाली। इस दौरान टीम ने उनकी अगुआई में 52 में से आधे टेस्ट जीते। इसके बावजूद उन्हें पहले वनडे कप्तानी पाल कोलिंगवुड और फिर टेस्ट कप्तानी केविन पीटरसन को गंवानी पड़ी।

 

दक्षिण अफ्रीका ने हालांकि किसी खिलाड़ी को दीर्घकाल तक कप्तान बनाए रखने को तरजीह दी है। हैंसी क्रोन्ये ने 53 टेस्ट में टीम की कमान संभाली जबकि ग्रीम स्मिथ अब तक 83 टेस्ट में टीम की कप्तानी कर चुके हैं।  (एजेंसी)

First Published: Friday, March 2, 2012, 14:15

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