हैदराबाद टेस्ट: पुजारा का दोहरा शतक, बड़े स्‍कोर की ओर भारत

हैदराबाद टेस्ट: पुजारा का दोहरा शतक, बड़े स्‍कोर की ओर भारत

हैदराबाद टेस्ट: पुजारा का दोहरा शतक, बड़े स्‍कोर की ओर भारतज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम और आस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारत ने मैच पर शिकंजा कस लिया है। पुजारा और मुरली विजय की बदौलत भारत ने बड़े स्‍कोर की नींव रख दी है। चेतेश्‍वर पुजारा ने दोहरा शतक लगाया है। उन्‍होंने अपने कैरियर का यह दूसरा दोहरा शतक लगाया है। पुजारा ने 332 गेंदों पर अपना डबल सेंचुरी बनाया। हालांकि बाद में वह 204 रन बनाकर आऊट हो गए।

तीसरे दिन यानी सोमवार को खेल शुरू होने के बाद टेस्‍ट क्रिकेट में दूसरे विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी भारतीय साझेदारी हुई है। क्रिज पर टिककर खेलते हुए पुजारा और विजय ने साझेदारी का नया रिकार्ड बनाया है। इन दोनों की जोड़ी ने गावस्‍कर और वेंगसरकर की 344 रन की साझेदारी का रिकार्ड तोड़ा है। खबर लिखे जाने तक भारत ने दो विकेट के नुकसान पर 400 रन बना लिए हैं। अब तक कुल 120 ओवर का खेल हुआ है।

अपनी पारी के दौरान पुजारा ने टेस्ट मैचों में 1000 रन भी पूरे किए। इससे पहले पुजारा ने 2012 में अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए नाबाद 206 रन बनाए थे।

पुजारा इस मैदान पर दोहरा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। पुजारा ने अपनी शानदार पारी में 332 गेंदों का सामना करते हुए 30 चौके और एक छक्का लगाया है। अपनी इस पारी के दौरान पुजारा ने मुरली विजय (167) के साथ दूसरे विकेट के लिए 370 रनों की साझेदारी की। यह आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवीं सबसे बड़ी साझेदारी है।

पुजारा ने 188 रन पर पहुंचने के साथ ही टेस्ट मैचों में अपने 1000 रन पूरे किए। पुजारा ने अपने करियर के 11वें टेस्ट की 18वीं पारी में यह मुकाम हासिल किया है। पारी की संख्या के लिहाज से वह 1000 रन बनाने वाले दूसरे सबसे तेज भारतीय हैं जबकि टेस्ट मैचों के लिहाज से वह इस मुकाम पर सबसे तेज पहुंचने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं। टेस्ट मैचों में सबसे कम पारियों में 1000 रन बनाने वाले भारतीय विनोद काम्बली हैं। काम्बली ने 12 मैचों की 14 पारियों में यह मुकाम हासिल कर लिया था। जहां तक सबसे कम टेस्ट मैचों में यह मुकाम हासिल करने की बात है तो पुजारा से पहले यह रिकार्ड सुनील गावस्कर के नाम था, जिन्होंने 11 मैचों की 21 पारियों में 1000 रन बनाए थे।

इससे पहले, रविवार को वीरेन्द्र सहवाग का विकेट चटकाने के बाद आस्ट्रेलियाई गेंदबाज पूरे दिन सफलता हासिल करने के लिए तरसते रहे। यह नजारा बिल्कुल वैसा ही था, जैसा वर्ष 2001 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी के दौरान देखने को मिला था। उस वक्त भारत के अनुभवी बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण अपनी शानदार बल्लेबाजी के बूते भारतीय टीम को हार के कगार से शानदार स्थिति में ले आए थे। दोनों के बीच 376 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई थी। लक्ष्मण और द्रविड़ मैच के तीसरे तीन बल्लेबाजी करने उतरे थे और चौथे दिन नाबाद लौटे थे।

कंगारू गेंदबाज चौथे दिन विकेट के लिए प्रयास करते रहे, लेकिन लक्ष्मण और द्रविड़ दीवार बनकर उनकी हर नीति का मुंह तोड़ जवाब देते रहे। द्रविड़ ने इस मैच में 180 और लक्ष्मण ने 281 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी, जिसकी मदद से भारत 171 रनों से विजयी रहा था।

उप्पल स्थित राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में जारी टेस्ट मैच के दूसरे दिन मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा ने जिस तरह का खेल दिखाया उससे लक्ष्मण और द्रविड़ की यादें एक बार फिर से ताजा हो गईं। दोनों युवा बल्लेबाज अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का अधिक अनुभव नहीं होने के बावजूद मंजे हुए टेस्ट बल्लेाबाजों की शैली में खेले। दोनों ने सहवाग के आउट होने के बाद कंगारूओं के दबाव बनाने के मंसूबों पर पानी फेर दिया। मुरली ने जहां अपना दूसरा टेस्ट शतक लगाया वहीं पुजारा ने चौथा अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट शतक जड़कर अपने टेस्ट बल्लेबाज होने के दावे को और अधिक मजबूत किया। पुजारा अभी तक 251 गेंदों पर 25 चौके और एक छक्का लगा चुके हैं, जबकि मुरली ने 288 गेंद खेलकर 17 चौके और दो छक्के लगाए हैं। दोनों के बीच 298 रनों की साझेदारी हो चुकी है।

दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम ने एक विकेट के नुकसान पर 311 रन बना लिए हैं, जिसके परिणामस्वरूप उसे 74 रनों की बढ़त भी हासिल हो गई है। मुरली 129 और पुजारा 162 रनों पर नाबाद लौटे। दिन के पहले सत्र में मुरली और पुजारा ने काफी धीमा खेलते हुए केवल 49 रन जोड़े थे, लेकिन भोजनावकाश के बाद दोनों ने तेजी से खेलना शुरू किया और चायकाल तक टीम के कुल योग में 106 रन और जोड़े।

इससे पहले, कल के नाबाद लौटे बल्लेबाज बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग (4) और बिना खाता खोले खेल रहे मुरली ने रविवार को दिन के खेल की शुरुआत की। भारतीय टीम का पहला विकेट सहवाग के रूप में गिरा। सहवाग इस मैच में भी प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सके और छह रन बनाकर पवेलियन लौट गए। वह तेज गेंदबाज पीटर सिडल की गेंद पर विकेटकीपर मैथ्यू वेड को कैच थमा बैठे। शनिवार को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी आस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी पहली पारी नौ विकेट के नुकसान पर 237 रनों पर घोषित कर दी थी। कप्तान माइकल क्लार्क (91)और मैथ्यू वेड (62) के अलावा कोई भी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका था। दोनों के बीच 145 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई।

अन्य बल्लेबाजों में वाटसन (23), फिल ह्यूज (19), ग्लेन मैक्सवेल (13), डेविड वार्नर (6) और एड कोवान चार रन बनाकर आउट हो गए थे। भारत की ओर से भुवनेश्वर और जडेजा ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि हरभजन को दो और अश्विन को एक सफलता मिली।

First Published: Monday, March 4, 2013, 09:41

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