Last Updated: Saturday, March 2, 2013, 17:36

हैदराबाद : भुवनेश्वर कुमार (53 रन देकर तीन विकेट) के शुरुआती झटकों के बाद तीसरे सत्र में जब स्पिनर पूरी तरह हावी हो गये थे तब माइकल क्लार्क ने पारी समाप्त करने का दांव खेला लेकिन भारतीय सलामी जोड़ी ने दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में पहले दिन शुक्रवार को यहां बचे बाकी तीन ओवर खेलकर आस्ट्रेलिया की चाल सफल नहीं होने दी।
आस्ट्रेलिया का स्कोर पहले सत्र में एक समय चार विकेट पर 63 रन था जिसके बाद क्लार्क (91) ने विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड (62) के साथ पांचवें विकेट के लिये 145 रन की साझेदारी की। तीसरे सत्र में हालांकि 28 रन के अंदर पांच विकेट गंवाने से क्लार्क ने नौ विकेट पर 237 रन के स्कोर पारी समाप्त घोषित कर दी।
भारत को इस तरह से पहले दिन तीन ओवर बल्लेबाजी करनी थी और उसने बिना किसी नुकसान के पांच रन बनाये। वीरेंद्र सहवाग चार रन पर खेल रहे हैं जबकि मुरली विजय को अभी खाता खोलना है। इससे पहले आस्ट्रेलियाई पारी उतार-चढ़ाव वाली रही। पहले सत्र में चार विकेट खोकर 83 रन बनाने वाले आस्ट्रेलिया ने दूसरे सत्र में बिना किसी नुकसान के 104 रन जोड़े लेकिन रविंदर जडेजा (33 रन देकर तीन विकेट) और हरभजन सिंह (52 रन देकर दो विकेट) ने भारत को तीसरे सत्र में वापसी दिलायी।
क्लार्क ने चेन्नई से सबक लेकर यहां अपने स्पिन आक्रमण को कुछ मजबूत किया लेकिन स्विंग गेंदबाज भुवनेश्वर ने उनका टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला गलत साबित करने में देर नहीं लगाई। उत्तर प्रदेश के इस गेंदबाज ने अपने पहले स्पैल में डेविड वार्नर (छह), एड कोवान (चार) और खतरनाक शेन वाटसन (23) को पवेलियन भेजा। फिलिप ह्यूज (19) का विकेट अश्विन को मिला।
पहले टेस्ट में भारत की तरफ से सभी 20 विकेट स्पिनरों ने लिये थे लेकिन हैदराबाद के उप्पल स्टेडियम में भारत के नयी गेंद के गेंदबाजों विशेषकर भुवनेश्वर ने आज बेहतर प्रदर्शन किया और सही क्षेत्र में गेंदबाजी की।
आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने पहले सत्र में सकारात्मक रवैया अपनाने की कोशिश की लेकिन उन्हें नीची रहती गेंदों पर कई बार परेशानी का सामना करना पड़ा।
भुवनेश्वर ने लगातार ओवरों में लेग कटर पर वार्नर और कोवान को आउट किया। वार्नर पारी के तीसरे ओवर में अंदर आती गेंद को विकेटों पर खेल गए और इस तरह से भुवनेश्वर ने अपना पहला टेस्ट विकेट लिया। वह टेस्ट, वनडे और टी-20 में अपना पहला विकेट बोल्ड के रूप में लेने वाले पहले गेंदबाज बने। उत्तर प्रदेश के इस युवा तेज गेंदबाज ने कोवान को भी इसी तरह की नीची रहती गेंद पर आउट किया जो एलबीडब्ल्यू होकर पवेलियन लौटे जिससे आस्ट्रेलिया का स्कोर दो विकेट पर 15 रन हो गया।
ह्यूज और वाटसन ने तीसरे विकेट के लिए 42 रन जोड़े। दोनों ने सकारात्मक बल्लेबाजी की। वाटसन हालांकि जब लय में आते दिख रहे थे तब भुवनेश्वर की नीची रहती सीधी गेंद को चूककर पगबाधा हो गए। वाटसन पुल शाट खेलने की तैयारी में थे और गेंद की लाइन में नहीं पहुंच सके।
धोनी ने इसके बाद गेंद चेन्नई में पहले टेस्ट में सबसे सफल गेंदबाज अश्विन को थमाई। अश्विन ने लगातार चार ओवर मेडन करके ह्यूज पर दबाव बढ़ाया और फिर उन्हें विकेटकीपर धोनी के हाथों कैच कराया। दूसरे सत्र में भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए जूझते रहे। इस बीच क्लार्क को जीवनदान भी मिला, लेकिन तीसरे सत्र में हरभजन और जडेजा का तालमेल आस्ट्रेलिया पर भारी पड़ गया।
हरभजन को उछाल मिल रही थी। उनकी फ्लाइट और आफ ब्रेक को पढ़ना आसान नहीं था।
क्लार्क और वेड की साझेदारी जब भारत पर भारी पड़ रही थी तब अनुभवी हरभजन ने भारत को महत्वपूर्ण सफलता दिलायी। वेड ने हरभजन की उछाल लेती गेंद को कट किया लेकिन वह थोड़ा हवा में रह गयी जिसे भुवनेश्वर ने अपनी बायीं तरफ डाइव लगाकर कैच में तब्दील कर दिया।
वेड ने 144 गेंद खेली तथा आठ चौके लगाये। धोनी ने इसके बाद जडेजा को आक्रमण पर लगाया जिन्होंने पिछले मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाने वाले मोएजेस हेनरिक्स के बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकालकर उन्हें बोल्ड किया। हेनरिक्स आज विश्वास के साथ स्पिनरों का सामना नहीं कर पाये और केवल पांच रन बनाकर पवेलियन लौटे।
जडेजा ने अपना पहला मैच खेल रहे ग्लेन मैक्सवेल (13) को विकेट के पीछे कैच कराया और फिर क्लार्क की संघषर्पूर्ण पारी का अंत किया। क्लार्क ने उनकी सीधी गेंद को स्वीप करना चाहा लेकिन वह चूक गए और गेंद उनकी गिल्लियां बिखेर गयी। पिछले मैच में दोहरा शतक जड़ने वाले कप्तान धोनी आज विकेट के पीछे प्रभाव नहीं छोड़ पाये। उन्होंने जेवियर डोहर्टी को भी जीवनदान दिया जिसके बाद क्लार्क ने पारी समाप्त करने का साहसिक फैसला किया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 2, 2013, 17:36