Last Updated: Saturday, July 21, 2012, 21:29
जी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन में अपनी जगह पक्की कर चुके संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं है और सरकार में कोई नंबर एक और नंबर दो नहीं होता। प्रणब ने कहा कि उनकी कभी प्रधानमंत्री बनने की मंशा नहीं रही।
राषट्रपति बनने से ठीक पहले हमारे सहयोगी चैनल ‘जी न्यूज’ के एडिटर एवं बिजनेस हेड सुधीर चौधरी से खास बातचीत में प्रणब ने कहा, कुछ राज इंसान के साथ दफन हो जाने चाहिए और मेरे राज मेरे साथ ही दफन हो जाएंगे।
प्रणब से यह पूछे जाने पर कि राष्ट्रपति भवन पहुंचने के बाद लोगों को उनसे क्या उम्मीद करनी चाहिए। इस पर प्रणब ने कहा कि वह ‘कोई अनोखे राष्ट्रपति नहीं बनेंगे।’
बहुत ज्यादा काम करने के सवाल पर मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति का कामकाज मंत्रालय के काम से अलग होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का कार्य संविधान में बताया गया है, उसे उसी के अनुसार करना होता है।
उन्होंने कहा कि प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू से लेकर प्रतिभा पाटील ने इस पद को गौरवान्वित किया है और अब तक के राष्ट्रपति ने जो रोडमैप तैयार किया है वह उसी का अनुसरण करेंगे। प्रत्येक राष्ट्रपति ने इस पद को गरिमा प्रदान की है।
प्रणब से यह पूछने पर कि राजनीति से उनके हटने के बाद सरकार में नंबर दो की हैसियत पाने को लेकर काफी उठापठक चल रही है। इस पर प्रणब ने कहा कि कैबिनेट में प्रधानमंत्री के बाद सभी समान होते हैं। पीएम के बाद कोई नंबर दो और तीन नहीं होता।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री के दाहिने एवं बाएं बैठने की एक व्यवस्था होती है, जिसका पालन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बहुत पुरानी पार्टी है, वह सभी मसलों का हल निकाल लेगी।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के वरिष्ठ पदों और सरकार में रहते हुए आपके पास ऐसे राज होंगे जिनके बाहर आने पर देश की राजनीति में भूचाल आ सकता है।
इस पर प्रणब ने कहा कि नहीं इस तरह का कोई राज उनके पास नहीं है। इस तरह की कोई सूचना अथवा जानकारी यदि किसी के पास है तो वह उसके साथ ही रहनी चाहिए, उसे सार्वजनिक नहीं होना चाहिए।
प्रणब ने कहा, मैंने इंदिरा से लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया। कांग्रेस कार्य समिति से मैं लम्बे समय तक जुड़ा रहा। इस दौरान महत्वपूर्ण जानकारियां हमारे पास थीं लेकिन जिन बातों को सार्वजनिक होना चाहिए, वहीं बातें जाहिर हुईं और जिन्हें नहीं सार्वजनिक होना चाहिए, वे कही नहीं गईं।
प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर प्रणब ने कहा कि वह कई बार यह साफ कर चुके हैं कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की मंशा कभी नहीं रही। उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक जीवन में जो जिम्मेदारियों दी गईं वे निष्ठा पूर्वक उसे निभाते रहे और इस प्रक्रिया को निभाते-निभाते वह राष्ट्रपित पद के इतने करीब आ गए।
मुखर्जी ने यह भी कहा कि 2014 में यदि वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं बनते तो राजनीति से संन्यास ले लेते।
प्रणब से यह पूछने पर कि वह इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी में से किसे सर्वाधिक पंसद करेंगे। इस पर प्रणब ने कहा कि इंदिरा मेरी राजनीतिक गुरु थीं।
First Published: Saturday, July 21, 2012, 21:29