कभी-कभी 'मुर्गा' भी देता है अंडा - Zee News हिंदी

कभी-कभी 'मुर्गा' भी देता है अंडा



नवीन कुमार

 

" ... यह माजिद कौन है ! पूरी तरह से बकवास है. मैं उसे नहीं जानता...कभी नहीं मिला...हिंदुस्तान में यही दिक्कत है... दुनिया में कोई भी इंसान कुछ भी बकवास करता है, वह ख़बर बन जाती है... अगर कोई कहे की मुर्गे ने अंडा दिया है, तो वो भी ख़बर बन जाती है... "। युवराज सिंह ने इन्हीं पंक्तियों में मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली है। क्यों ? क्योंकि मीडिया में इनदिनों ये ख़बर सुर्खियां बनी हैं कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों के एजेंट और बुकी मज़हर माजीद ने ये दावा किया है कि उसके रिश्ते युवराज सिंह से हैं।....... "मैं नहीं जानता कि वह शख्स कौन है... मैं कभी उससे नहीं मिला... मैं जरूर उसके खिलाफ कार्रवाई करूंगा... मैं नहीं जानता कि वह कानूनी कार्रवाई होगी या फिर कुछ और... "। मज़हर माजीद ने हरभजन सिंह से भी रिश्तों का दावा किया है और इसी के बाद हरभजन सिंह ने ये बयान दिया है।

 

चलिए अब आगे चलते हैं। "... मैं मैच फिक्सिंग के लिए युवराज सिंह और हरभजन सिंह से संपर्क कर सकता हूं... इन दोनों खिलाड़ियों तक पहुंचना मेरे लिए आसान है..." माजीद के इसी दावे के बाद युवराज और हरभजन आग-बबूला हैं। और माजीद से रिश्तों की बात को न केवल सिरे से खारिज कर रहे हैं, बल्कि मीडिया को भी निशाना बना रहे हैं।

 

दरअसल, माजीद ने ये सनसनीखेज दावा रुपर्ट मर्डोक के 'न्यूज़ ऑफ द वर्ल्ड' अख़बार के पत्रकार मज़हर महमूद के सामने किया था। महमूद अपनी पहचान छुपाकर मैच फिक्सिंग के लिए माजीद से मिले थे और उसी दौरान स्टिंग ऑपरेशन कर उसके दावे को रिकॉर्ड किया था। मज़हर महमूद की इस रिकॉर्डिंग को लंदन की अदालत ने सुना जहां पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट मैच के दौरान कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ियों के खिलाफ मैच फिक्सिंग के एक मामले की सुनवाई चल रही है।

 

माजीद ने युवराज और हरभजन के अलावा पाकिस्तान के वसीम अकरम, वकार यूनुस, एजाज़ अहमद और मोईन खान को भी लपेटे में लिया है। उसने दो टूक कहा है कि पाकिस्तान के ये चारों पूर्व खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में शामिल रहे हैं। उसने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एजाज़ बट का नाम भी लिया है और इमरान खान से गहरी दोस्ती का दावा भी किया है। माजीद ने कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के नाम का भी खुलासा किया है। कहा है, 'रिकी पॉन्टिंग, ब्रेट ली और नॉथन ब्रैकन उसके संपर्क में हैं... सबसे ज्यादा मैच फिक्सिंग ऑस्ट्रेलिया में होती है... पाक से ज्यादा मैच फिक्सर ऑस्ट्रेलिया में हैं... तकरीबन हर मैच में 10 ओवर फिक्स होता है...'

 

मैच फिक्सिंग में पाकिस्तानी खिलाड़ियों का नाम आना बड़ी बात नहीं है। पाकिस्तानी खिलाड़ियों में मैच फिक्सिंग आम है। और कमोबेश पाकिस्तान की तकरीबन पूरी की पूरी टीम पर फिक्सिंग के आरोप लगते रहे हैं। 2001 में जस्टिस कय्यूम ने मैच फिक्सिंग पर अपनी जांच रिपोर्ट में टीम के कई दिग्गज खिलाड़ियों को गुनहगार पाया था। लेकिन, हैरानी ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय खिलाड़ियों के नाम के खुलासे को लेकर है। और इससे भी ज्यादा हैरानी इस खुलासे के बाद भारतीय खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया से है।

 

ये साफ है कि जब तक सच्चाई सामने न आए, तब तक किसी खिलाड़ी को गुनहगार मानना ठीक नहीं। ये भी सच है कि अब तक युवराज और हरभजन बेदाग रहे हैं। इन दोनों खिलाड़ियों पर फिक्सिंग को लेकर कभी न तो आरोप लगे और न कभी शक जाहिर किया गया। लेकिन, हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि सच सामने आने से पहले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरूद्दीन भी बेदाग क्रिकेटर थे। लेकिन, सच्चाई से पूरी दुनिया वाक़िफ़ है। आरोप लगने के बाद अज़हरुद्दीन ने भी अपने को पाक-साफ बताया था । अजहर ने तो अपने को अल्पसंख्यक तबके से जोड़कर जांच की दिशा बिगाड़ने की भरसक कोशिश भी की थी।

 

दिल्ली के क्रिकेटर अजय शर्मा का क्या हश्र हुआ सभी जानते हैं। मनोज प्रभाकर और अजय जडेजा भी फिक्सिंग के आरोपों के लपेटे में आए हैं ये भी किसी से छुपा नहीं है। लेकिन, इसका ये मतलब नहीं कि युवराज और हरभजन गुनहगार हैं। दोनों बेगुनाह हो सकते हैं, लेकिन उनका ये कहना कि 'वो माजीद को जानते ही नहीं और उससे कभी नहीं मिले' ये दावा कैसे कर सकते हैं ? क्या अपने क्रिकेट करियर में जितने लोगों से वे अब तक मिले हैं उन सभी को वे जानते हैं ? क्या उन सभी के बारे में उन्हें पता है ? शायद नहीं। किसी अपराधी के मिलने या जानने से न कोई गुनहगार हो जाता है और न ही उसे सजा सुनाई जा सकती है। कोई गुनहगार तभी होता है जब किसी गुनाह में शामिल होता है। हो सकता है युवी और भज्जी किसी गुनाह में शामिल न रहे हों, लेकिन माजीद से मुलाकात हुई हो और ये दोनों भले उसे नहीं जानते हों, पर वो इन्हें जानता हो।

 

कहने का मतलब, युवराज और हरभजन हड़बड़ी में सफाई दे रहे हैं। ऐसा हो सकता है कि उन्हें लगा हो कि बात का बतंगड़ न बन जाए इसलिए फौरन कड़क लहजे में कुछ बोल दो। लेकिन, ऐसी सफाई और शक़ पैदा करती है। जब तक अज़हरुद्दीन की सच्चाई सामने नहीं आई थी, तब तक वो भी एक शालीन और देशभक्त क्रिकेटर थे। युवी और भज्जी भी तब तक बेगुनाह हैं, जबतक आरोप साबित न हो। लेकिन, धुएं जैसी कोई चीज़ दिखी है तो ये पता लगाना भी उतनी ही ज़रुरी है कि वहां आग है या महज कुहासा। इसलिए बीसीसीआई को चाहिए कि इसकी गहराई में जाए और पता लगाए कि सच क्या है ? माजीद ने किन संदर्भों में इनके नाम लिए हैं ? बेगुनाह होने पर दोनों को क्लीनचिट दे, क्योंकि किसी भी खिलाड़ी का शक के दायरे में आना न तो उस खिलाड़ी के करियर के लिए ठीक होता है और ना क्रिकेट का भला होता है। बीसीसीआई का ये बयान कि, '... माजीद का दावा अहमियत नहीं रखता और इस बारे में वो कोई जवाब नहीं देंगें... ' जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने वाला बयान है।

(लेखक जी न्यूज़ में सीनियर प्रोड्यूसर हैं)

First Published: Wednesday, October 19, 2011, 17:41

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