मैं बागी नहीं, कांग्रेस दो धड़ों में नहीं है बंटी: अजीत जोगी

मैं बागी नहीं, कांग्रेस दो धड़ों में नहीं है बंटी: अजीत जोगी

मैं बागी नहीं, कांग्रेस दो धड़ों में नहीं है बंटी: अजीत जोगीपरिवारवाद का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं: अजीत जोगी


छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता अजीत जोगी से संवादाता निहारिका माहेश्वरी ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। विधानसभा चुनाव और अजीत जोगी के बागी तेवर के बीच कांग्रेस का सिंहासन व छतीसगढ़ के महासमर के लिए क्या राजनैतिक एजेंडा है, पेश है उसके मुख्‍य अंश:-

निहारिका माहेश्वरी : राज्य में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा कांग्रेस-बीजेपी और अजीत जोगी के बीच?
अजीत जोगी : त्रिकोणीय नहीं आमने सामने का मुकाबला है, कांग्रेस और भाजपा के बीच में, अजीत जोगी कांग्रेस के अभिन्न अंग है और हम इस बार मिलकर भाजपा को परास्‍त करेंगे।

निहारिका माहेश्वरी : आप अकेले सम्मेलन करते हैं, टिकट वितरण का ऐलान भी कर देते हैं। आपको मनाने के लिए 10 जनपथ से वरिष्ठ नेता आते हैं?
अजीत जोगी : ये बातें गलत है, सर्व धर्म का सम्मेलन किया गया था, भारी भीड़ आई, चुनाव का वर्ष था, लोगो की भारी भीड़ दिखा पर वहां केवल मिनी माता के आदर्शो की बात हुई, वो किस रास्ते पर लोगो को ले जाना चाहती थी वो बात हुई, वहां ना भाजपा ना कांग्रेस की बात हुई और कुल मिलाकर कहा जा रहा है कि उम्मीदवीर घोषित हुए वो बिल्कुल गलत है, उन सभाओं में अलग अलग सबकी स्टाइल होती है भाषण देने की। मैं अपने भाषण में जो खास नेता होते हैं उनका नाम लिया करता हूं, बताया करता हूं कि ये मेरे भाई के समान हैं।

निहारिका माहेश्वरी : लेकिन यही चरण दास महंत को समझ नहीं आया। आप दोनों में मतभेद और मनभेद दोनो की ख़बरें आ रही हैं?
अजीत जोगी : सबको समझ आ रहा है, एक जगह से कोई पांच आदमी थोड़े ही चुनाव लड़ेंगे, अगर मैने पांच नाम लिए तो वो पांचों थोड़े ही वहां से चुनाव लड़ने वाले हैं। मैने बताया की ये मेरी बेटी की तरह है, मेरी बहन की तरह इस तरह लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए तीस तीस हजार की भीड़ खड़ी की, उन्हें किसी तरह पहचान तो मिलनी चाहिए।

निहारिका माहेश्वरी : अगर अजीत जोगी के सुझाव पर यदि किसी को टिकट नहीं मिली तो कांग्रेस को इस खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है विधानसभा चुनाव में?
अजीत जोगी : टिकट मिलने पर लड़ते जरूर हैं और मैं ये मानता हूं कि सब लड़ते हैं जो लोग हमसे जुड़े हुए हैं, जो हमें समझते हैं कि यही जीतेगा, हमारी आदत यहीं है और हमेशा से इसे मैने अपनाया है। चुनाव की टिकट फाइनल होने तक टिकट बदलवाने के लिए आदरणीय सोनिया गांधी के कमरे तक जाने के लिए आखिर तक मैं प्रयास करता रहूंगा।

निहारिका माहेश्वरी : जगदलपुर आए थे राहुल गांधी और आपसे मुलाकात में कहा था कि पार्टी दो धड़ो में नहीं बंटनी चाहिए? इस पर क्या कहना है आपको?
अजीत जोगी : बिल्कुल, जब राहुल जी आए तो सारे नेता उनके साथ मंच बैठे थे, मैं भी उनकी बाईं ओर बैठा था। उन्होंने मुझे भाषण देने को भी कहा, लोकभाषा में मैंने भाषण भी दिया, जिससे लोगों की गलतफहमी भी दूर हो गई कि कांग्रेस में किसी तरह का बिखराव है।

निहारिका माहेश्वरी : आने वाले समय में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे कि 2014 पर आपकी नजर है?
अजीत जोगी : जोगी परिवार से तीन लोग राजनीति में है, मै हूं, मेरी पत्‍नी भी MLA है, और मेरा बेटा नौजवानों की राजनीति करता है, हमारे परिवार के संबंध में फैसला जो भी होगा, वो आदरणीय सोनिया गांधी करेंगी। किसी को लड़ना है, विधानसभा लड़ना है, लोकसभा लड़ना है ये सारे प्रश्न इनका उत्तर उनके पास हैं।

निहारिका माहेश्वरी : आपकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा क्या है?
अजीत जोगी : छत्तीसगढ़ को डॉक्टर रमन सिंह ने अपने दस सालों के शासनकाल में लगभाग दस साल पीछे धकेल दिया है। साथ ही नक्सलवाद ने पूरे प्रदेश को निगल लिया है। प्रदेश भर में लूट मची हुई है। सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों की अकर्मण्यता से आम आदमी काफी आहत और परेशान हैं। मैं इन सभी मुश्किलों से प्रदेश को निजात दिलाना चाहता हूं और छत्तीसगढ़ के संसाधनों को देखते हुए इसे पूरे देश में अग्रणी राज्य बनाना चाहता हूं।

निहारिका माहेश्वरी : आप चुनाव कहां से लड़ेंगे?
अजीत जोगी : पूरे प्रदेश में लड़ेंगे। 90 सीटों पर लड़ेंगे। 11 लोकसभा सीटों पर लड़ेंगे। गांव-गांव, नगर-नगर और डगर-डगर लड़ेंगे।

निहारिका माहेश्वरी : अजीत जोगी के नाम पर लड़ा जाएगा चुनाव? मुख्य चेहरा वो होंगे या चरणदास महंत?
अजीत जोगी : इस मुगालते में किसी को नहीं रहना चाहिए। कांग्रेस पार्टी की परिपाटी अलग है। मुख्यमंत्री कौन होगा इसके लिए चुनाव के बाद एमएलए बैठते हैं। सोनिया जी पर्यवेक्षक भेजती हैं। एमएलए की राय ली जाती है। उस राय से और लोगों को अगवत कराते हैं। इसलिए ये सवाल आज उठना ही नहीं चाहिए। किसी को ये नहीं कहना चाहिए कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। चुनाव जब हो जाएगा तो जिस किसी को सोनिया जी बोल देंगी वो बन जाएगा।

निहारिका माहेश्वरी : क्या इस बार के चुनाव में साहू, सतनामी और ईसाई आपसे पहले की तुलना में ज्यादा जुड़ेंगे?
अजीत जोगी : भारतीय राजनीति का ये दुखद अध्याय है। हमारा पूरा समाज संप्रदायों और जातियों में बंट गया है। विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति इसके बिना नहीं होती। और हम लोग इससे अछूते थे। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कमोबेश गुजरात में। इन चार प्रदेशों में ऐसा नहीं था। पर एक शुरुआत अब वहां भी हो गई है। जो हवा यूपी, बिहार में चलती है वो पूरे भारत को छू लेती है। और ये हवा चल रही है। हमारा प्रयास तो ये है कि किसी एक बिरादरी विशेष को लक्ष्य नहीं करना है। सबको साथ लेकर चलना है।

निहारिका माहेश्वरी : आदिवासियों में आपकी लोकप्रियता घटी है?
अजीत जोगी : मैं सभी जगह लोकप्रिय हूं।

निहारिका माहेश्वरी : एक तरफ अजीत जोगी हैं तो एक तरफ चावल वाले बाबा। जो आपके मित्र भी हैं। आपका चुनावी मुद्दा और कांग्रेस का चुनावी मुद्दा क्या होगा?
अजीत जोगी : बहुत जल्द ही हमारा चुनावी घोषणापत्र आने वाला है। और घोषणापत्र में हमारे लक्ष्य और वादों का समावेश होगा जो हम जनता के लिए करना चाहते हैं। जहां तक मुद्दों का सवाल है तो उसके लिए रमन सिंह को धन्यवाद। क्योंकि वो हर मिनट एक मुद्दा तैयार करके हम लोगों को देते रहते हैं। हर गांव, मोहल्ले और वार्ड में सैकड़ों मुद्दे बना चुके हैं।

निहारिका माहेश्वरी : रमन सिंह आपके अच्छे मित्र भी हैं, आपके सम्मेलन रैलियों में उनका पैसा लगता है?
अजीत जोगी : रमन सिंह मुझे कभी छोड़ते नहीं हैं। मुझ पर हत्या का झूठा मुकदमा चलाया लेकिन में दूसरे दिन छूट गया। मुझ पर डकैती का भी मुकदमा चलाया गया। वो जितना कुछ कर सकते हैं वो करते हैं। ऐसे हैं वो मेरे मित्र। भगवान ऐसे मित्र किसी को न दें। फिर भी पारिवारिक रूप से, सामाजिक रूप से या जन्म दिन जैसे मौके पर वो मुझे विश करते हैं और मैं उन्हें विश कर देता हूं।

निहारिका माहेश्वरी : नक्सली हमले में कांग्रेस ने अपने कई बड़े नेता खोए हैं। अब छत्तीसगढ़ में चुनाव करीब है। आज की तारीख में आपकी टीम कितना संगठित हैं, क्या एजेंडा है?
अजीत जोगी : हमारे प्रधानमंत्री बारबार कहते हैं कि माओवाद हमारे देश की सबसे बड़ी आंतरिक समस्या है। माओवाद देश को दो हिस्सों में बांट रहा है जो कि एक भारी खतरा है। देश विखंडित भी हो सकता है। नक्सलवाद के मामले में छत्तसीगढ़ की हालत सबसे खराब है। प्रदेश के दो तिहाई हिस्से में रमन सिंह की नहीं चलती है। वहां नक्सलियों की सरकार चलती है। तीन मोर्चों पर एक साथ लड़ाई लड़ना चाहिए। पहला है सामाजिक और आर्थिक मोर्चा। जब तक वहां गरीबी, शोषण और बेरोजगारी, अन्याय, अत्याचार और जल-जंगल-जमीन का शोषण जारी रहेगा तब तक वहां के लोगों में असंतोष रहेगा। इस मोर्चे पर जम कर लड़ाई होनी चाहिए। दूसरा मोर्चा है राजनीतिक मोर्चा जबां विचारधारा की लड़ाई होनी चाहिए। दरअसल जो इलाके नक्सलियों के कब्जे में हैं वहां नक्सलियों की विचारधारा ही चलती है। लिहाजा उन इलाकों में विचारधारा की लड़ाई हर पार्टी को लड़नी चाहिए। और तीसरी बात अगर नक्सली हिंसा कर रहे हैं तो उन्हें हिंसा का जवाब हिंसा से ही दिया जाना चाहिए।

निहारिका माहेश्वरी : अजीत जोगी का व्यक्तिगत परिचय क्या है?
अजीत जोगी : जो लोग मुझे जानते हैं, वो अच्छे से जानते हैं। मेरा दिल सही जगह पर है, प्रदेश के गरीबों के बारे में उनकी खुशहाली के बारे में मेरा दिल धड़कता है और यही मेरी पहचान है कि मैंने कभी दिमाग की राजनीति नहीं की, मैं हमेशा दिल की राजनीति करता हूं और इसी भावनात्मक कारण से लोग मुझसे जुड़ते हैं।

निहारिका माहेश्वरी : अच्छी खासी सिविल सर्विस की नौकरी छोड़ आप समाज सुधार के लिए राजनीति में आए। मौजूदा हालात में आपको नहीं लग रहा है कि आपके प्रयास सार्थक हो पाएंगे?
अजीत जोगी : जब तक हम सोचते रहेंगे कि राजनीति में भ्रष्ट लोग आएंगे, अपराधी लोग आएंगे, खराब लोग आएंगे तो राजनीति स्वच्छ कैसे होगी। राजनीति आखिर परिवर्तन का सशक्त वाहन है। राजनीति में अच्छे लोगों को आना चाहिए, युवा तो बहुत जरूरी हैं।

निहारिका माहेश्वरी : अमित जोगी को लेकर आपका क्या प्लान है?
अजीत जोगी : मैंने तो अपने पिता धर्म का पालन किया है, जितनी अच्छी शिक्षा उसे देनी थी वो दिलवा दी पढ़ाई उसने अच्छे से की, पढ़ाने लिखाने के बाद उसकी शादी भी करवा दी, अब वो खुद सक्षम हो गया है। उसमें योग्यता है वो जरूर आगे बढ़ेगा, हमको जो करना था वो कर दिया वो आजाद है, स्वतंत्र है।

निहारिका माहेश्वरी : चुनाव के बारे में कुछ तो विचार किया होगा आपने कहां लड़ना है, क्या सोच है उनकी?
अजीत जोगी : जैसा मैंने कहा था कि हम तीनों के बारे में सोच नहीं सकते। ये सोचना तो सोनिया जी को है कि किसको वो चुनाव लड़ाएंगी?

निहारिका माहेश्वरी : 10 जनपथ से तो जरूर बात हुई होगी?
अजीत जोगी : सोनिया जी से इतना जरूर कहा है कि हमारे परिवार के बारे में आप निर्णय लेंगी।

निहारिका माहेश्वरी : क्या आप परिवारवाद की राजनीति के पक्षधर हैं?
अजीत जोगी : परिवारवाद शब्द अच्छा नहीं लगता लोगों को, और अच्छा लगना भी नहीं चाहिए, परिवारवाद का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।

निहारिका माहेश्वरी : छत्तीसगढ़ की संस्कृति अतुलनीय है, खासतौर पर लोककला को बढ़वा देने के लिए सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से क्या प्रयास होने चाहिए?
अजीत जोगी : हमारी बहुत बड़ी विरासत है, बिल्कुल सही कहा कि उसको हम विश्व के सामने प्रदर्शित नहीं कर पा रहे हैं। बस्तर की लोककला वहां की संस्कृति बिल्कुल अलग है। मध्य छत्तीसगढ़ मैदानी इलाका है, उत्तर छत्तीसगढ़ में सरगुजा और जशपुर का इलाका यहां की संस्कृति भी अलग है। इन सबसे मिलकर छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति बनी है।

निहारिका माहेश्वरी : छतीसगढ़वासियों के लिए आपका क्या दायित्व है?
अजीत जोगी : सत्ता हासिल करने के लिए लोग राजनीति करना मानते हैं। आदर्शवाद की मैं बात नहीं करता पर मैने ऐसे कभी राजनीति को नहीं लिया। मैं सोचता हूं कि राजनीति के माध्यम से लोगों से जुड़ा जा सकता है, उनका प्यार पाया जा सकता है, उनको प्यार दिया जा सकता है, उनकी समस्याओं को हल करने के लिए ही राजनीति ही सबसे सशक्त माध्यम है। इसलिए मेरे लिए राजनीति वैसी राजनीति नहीं है जो केवल सत्ता प्राप्ति के लिए हो।

निहारिका माहेश्वरी : बहुत धन्यवाद आपका, ज़ी मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ के साथ जुड़ने और खास बातचीत करने के लिए।

First Published: Tuesday, October 1, 2013, 17:39

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