Last Updated: Tuesday, December 20, 2011, 18:39
इंदौर : नए साल 2012 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘ग्रह त्रिमूर्ति’ दुनिया को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखाएगी। वहीं एक दुर्लभ खगोलीय घटना के दौरान शुक्र किसी गेंद की तरह, लेकिन धीरे.धीरे सूर्य के सामने से गुजरता दिखायी देगा। हालांकि, इन चार ग्रहणों में से भारत में केवल एक के दिखने की उम्मीद है, वह भी देश के सीमित हिस्से में।
उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद् प्रकाश गुप्त ने बुधवार को बताया कि भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के मुताबिक अद्भुत खगोलीय घटनाओं का यह सिलसिला 21 मई 2012 को लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि नव वर्ष का पहला ग्रहण खासकर पूर्वोत्तर भारत में दिखाई देगा।
आंशिक सूर्यग्रहण तब होता है, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच से चंद्रमा इस तरह गुजरता है कि पृथ्वी से देखने पर सूर्य का कुछ हिस्सा चंद्रमा की ओट में छिपा प्रतीत होता है।
गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2012 में चार जून को आंशिक चंद्रग्रहण होगा। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी का यह रोमांचक नजारा हालांकि भारत में नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि इस खगोलीय घटना के वक्त देश में दिन होगा।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 21, 2011, 21:09