Last Updated: Wednesday, September 19, 2012, 09:11

लंदन : दुनिया के एक प्रमुख हिम विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि आर्कटिक महासागर का बर्फ चार साल के भीतर पूरी तरह से गायब हो जा सकता है।
गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार कैंब्रीज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीटर वैडहैम्स ने कहा है कि जमने और पिघलने वाला समुद्र का हिस्सा जिस तरह अब तक के न्यूनतम पर सिकुड़ गया है, उत्तरी अक्षांश में वैश्विक अनर्थ का प्रादुर्भाव होगा। वैडहैम्स ने आर्कटिक महासागर के नीचे से गुजरने वाली पनडुब्ब्यिों से यात्रा कर बर्फ की परतों की मोटाई के आंकड़े जमा किये हैं।
उन्होंने 2007 में महासागरीय बर्फ की परत के टूटने की संभावना जताई थी। तब 41.7 लाख वर्ग किलोमीटर का न्यूनतम क्षेत्र था।
इस साल अनपेक्षित रूप से 5,00,000 वर्ग किलोमीटर के सिकुड़ने से यह दायरा 35 लाख वर्ग किलोमीटर ही रह गया है।
‘गार्डियन’ के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘‘मैं अनेक साल से (गर्मी के महीनों में सागर में बर्फ के पिघलने को लेकर)पूर्वानुमान लगाता रहा हूं। इसका मुख्य कारण वायुमंडलीय तापमान में इजाफा है। जिस तरह वातावरण गर्म हो रहा है उससे ठंड के मौसम में बर्फ की मात्रा में वृद्धि में भी गिरावट आ रही है और गर्मी में ज्यादा बर्फ पिघल रही है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 19, 2012, 09:11