अन्य सौरमंडलीय पिंड पर जीवन नहीं - Zee News हिंदी

अन्य सौरमंडलीय पिंड पर जीवन नहीं

(19 फरवरी को सौरमंडल दिवस के अवसर पर)

 

नई दिल्ली : सौरमंडल में पृथ्वी से इतर अन्य ग्रहों एवं उपग्रहों पर जीवन की संभावना के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल ऐसी संभावना नहीं है। दिल्ली विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्राध्यापक डॉ. दक्ष लोहिया ने ‘भाषा’ से कहा कि ग्रहों में जीवन की संभावना नजर नहीं आती है, हालांकि कुछ उपग्रहों खासकर शनि और वृहस्पति के उपग्रहों पर जीवनोपयोगी वायुमंडल है लेकिन फिलहाल जीवन की संभावना के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है।

 

नेहरू तारामंडल की निदेशक डॉ एन रत्नाश्री कहती हैं कि पृथ्वी के अलावा किसी अन्य  सौरमंडलीय पिंड पर जीवन की संभावना नहीं है। लेकिन ऐसी संभावना है कि बहुत पहले  कभी संभवत: मंग्रल पर सूक्ष्मजीव का जीवन रहा हो।

 

लोहिया कहते हैं कि जहां तक चंद्रमा की बात है तो वहां पर्यावास के लायक वायुमंडल नहीं है,  हां, बाद में सिद्धांतत: कृत्रिम रूप से वायुमंडल सृजित किया जा सकता है।

 

रत्नाश्री ने कहा कि सौरमंडल में प्लूटो को निकाले जाने के बाद फिलहाल आठ ग्रह हैं। प्लूटो  सन् 1930 में अपनी खोज के समय से ग्रह समझा जा रहा था लेकिन जब उसके द्रव्यमान को  मापा गया और उसका द्रव्यमान अन्य सौरमंडलीय पिंडों के समान नजर आया तब ग्रह की परिभाषा पर पुनर्विचार किया गया।

 

रत्नाश्री के अनुसार ग्रह की परिभाषा के अनुसार ऐसा पिंड सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाए,  उसका द्रव्यमान इतना हो कि वह अपने गुरूत्व से ही वृताकार पथ पर चक्कर लगाए तथा वह  अपने आसपास में वर्चस्ववान हो। प्लूटो तीसरे मापदंड पर खरा नहीं उतरता । प्लूटो अब  बौना ग्रह है। उल्लेखनीय है कि हर साल 19 फरवरी को सौर दिवस आधुनिक अंतरिक्ष विज्ञान  का जनक निकोलस कोपरनिकस की याद में मनाया जाता है।

 

दरअसल काफी समय तक सौरमंडल के अस्तित्व नकारा जाता रहा। लोग समझते थे कि  पृथ्वी ब्रह्मांड के केंद्र में है। लेकिन निकोलस कोरनिकस पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने यह सिद्ध  किया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। गैलोलियो गैलीली, जोहांस केपलर और  सर आइजक न्यूटन ने भौतिकी के इस सिद्धांत को आगे बढ़ाया तथा धीरे धीरे यह स्वीकार  किया जाने लगा कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है और अन्य ग्रह भी पृथ्वी की  भांति ही सूर्य की परिक्रमा करते हैं।

 

विज्ञान की प्रगति के फलस्वरूप आज विशाल क्षमता की दूरबीनों और अंतरिक्ष यानों ने सौरमंडल और अंतरिक्ष के कई राज खोल दिये हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 19, 2012, 09:20

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