Last Updated: Thursday, November 29, 2012, 09:36

सेंटियागो : अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों ने अब तक के सबसे शक्तिशाली ‘क्वेजार’ धमाके की पहचान की है। इस धमाके से उन महत्वपूर्ण सिद्धांतों को पहला प्रमाण मिला है जो बताते हैं कि ब्रह्मांड ने किस तरह आकार ग्रहण किया।
‘क्वेजार’ ऐसे आकाशीय पिंड हैं जो दिखने में असाधारण रूप से चमकदार तारों की तरह हैं। लेकिन अब अंतरिक्ष यात्रियों का मानना है कि क्वेजार तारे नहीं हैं और वे अपनी शक्ति नयी-नयी बनी हुई आकाशगंगाओं के केंद्र में स्थित ब्लैक होल्स से लेते हैं। दक्षिणी यूरोप में स्थित वेधशाला की चिली में स्थापित विशाल दूरबीन से उर्जा की एक किरण की पहचान की गई। यह अध्ययनों में अब तक देखी गई किसी भी किरण से पांच गुना ज्यादा बड़ी थी।
नए विश्लेषण में ऊर्जा के भारी बहाव की पहचान की गई। यह उर्जा सूर्य की उर्जा से बीस खरब गुना ज्यादा थी। यह ऊर्जा अब तक ज्ञात क्वेजार एसडीएसएस जे1106 प्लस 1939 की ऊर्जा से 400 गुना ज्यादा है।
वर्जीनिया तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता नाहुम अरव ने कहा, ‘मैं ऐसी किसी चीज की तलाश में पिछले एक दशक से था। पहले कभी पूर्वानुमानित ऐसे भारी प्रवाह देखना वाकई रोमांचकारी है।’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि क्वाजेर हमसे बहुत दूर हैं इसलिए उनके प्रकाश को सबसे शक्तिशाली दूरबीन तक पहुंचने में भी अरबों साल लग जाते हैं। बहुत दूर स्थित ये क्वाजेर ब्रह्मांड के इतिहास की झलक दिखाते हैं।’
ब्लैक होल्स में ऊर्जा की मात्रा होने के कारण क्वाजेर के इर्द गिर्द भी कुछ ऊर्जा होती है। वे इसे ब्रह्मांड में वापस तेज गति से फेंक देते हैं। अंतरिक्ष विज्ञानी बताते हैं कि उर्जा के ये प्रवाह कुछ बड़ी आकाशगंगाओं के होने को समझने में मदद करते हैं। साथ ही इनसे यह भी समझा जा सकता है कि किसी आकाशगंगा का द्रव्यमान उसके केंद्रीय ब्लैक होल से कैसे जुड़ा रहता है।
अरब ने कहा, ‘पहली बार क्वाजेर से उर्जा के प्रवाह का आकलन किया गया है जो सिद्धांतों में पूर्वानुमानित उच्च ऊर्जा का एक प्रकार है।’ क्वाजेर एसडीएसएस जे1106प्लस1939 की खोज तो पहले ही की जा चुकी थी लेकिन पहली बार इससे होने वाले प्रवाह का ठीक आकलन विस्तार से किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 29, 2012, 09:36