Last Updated: Thursday, April 26, 2012, 10:33
नई दिल्ली: भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूर के वैज्ञानिकों ने शरीर में दवा पहुंचाने के लिए एक सुईरहित प्रणाली विकसित की है, जो विकास के शुरूआती चरणों में है और जरूरी मंजूरी एवं अध्ययन के बाद बाजार में आएगी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अश्वनी कुमार ने बताया कि भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलूर के वैज्ञानिकों ने शरीर में दवा पहुंचाने के लिए एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जो सुईरहित होगी।
उन्होंने लोकसभा में विक्रमभाई अर्जनभाई मादम के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्रयोगशाला में चूहों को टायफाइड की दवा इस प्रणाली से सफलतापूर्वक दी गयी। इस नयी पद्धति को हाइपरसोनिक और शॉक वेव्स प्रयोगशाला, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग, सूक्ष्म जीव विज्ञान एवं कोशिका जीवविज्ञान विभाग और भारतीय विज्ञान संस्थान के बीच सहयोग से विकसित किया गया है।
मंत्री ने बताया कि दवा देने की यह नयी पद्धति अभी अपने विकास के शुरूआती चरणों में है तथा इस युक्ति के मनुष्य पर उपयोग के लिए बाजार में उपलब्ध होने से पहले कुछ मंजूरियों और वैज्ञानिक अध्ययन जरूरी होंगे।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 26, 2012, 16:03