Last Updated: Monday, June 10, 2013, 16:41

लंदन : पूर्वाग्रह और भेदभाव समेत कार्यस्थल पर तनाव के कारण कामकाजी महिलाओं के स्तन कैंसर की चपेट में आने की आशंका नाटकीय रूप से बहुत अधिक बढ़ जाती है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। अध्ययन में दावा किया गया है कि कामकाजी महिलाओं को अन्य महिलाओं के मुकाबले स्तन कैंसर होने की आशंका 70 फीसदी अधिक बढ़ी पायी गयी।
1970 के दशक में उम्र के 30वें पड़ाव पर रही महिलाओं पर कई दशकों तक किए गए अध्ययन के बाद कार्यस्थल के तनाव और कैंसर के बीच संबंध पाया गया। यह भी देखा गया कि जिन महिलाओं ने जितने अधिक समय तक नौकरी की उनमें उतना ही कैंसर का खतरा बढ़ता गया।
अध्ययन में ऐसी करीब चार हजार महिलाओं को शामिल किया गया था जो 1975 में 36 की उम्र में थीं। द इंडिपेंडेंट में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। अध्ययन टीम की प्रमुख डा. तात्याना पुद्रोवोस्का ने बताया, जिन महिलाओं ने 1970 के दशक में प्रबंधकीय पेशे में कदम रखा उन्हें समाज में मौजूद सांस्कृतिक रवैये के चलते पूर्वाग्रह और भेदभाव का शिकार होना पड़ा । पुरानी रूढ़ियों के अनुसार उस समय यही माना जाता था कि महिलाओं के मुकाबले पुरूष अधिक बेहतर नेता बनते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘न तो पुरूष और न ही महिलाएं किसी महिला बॉस के तहत काम करना चाहती हैं क्योंकि महिलाओं को स्वभाव की दृष्टि से प्रबंधन पेशे के लिए अयोग्य माना जाता है।’उन्होंने कहा, ‘महिला बॉस को पूर्वाग्रहों, भेदभाव, सामाजिक अलगाव तथा अधीनस्थों, सहकर्मियों और वरिष्ठों की ओर से विरोध का सामना करना पड़ता है।’ डा. तात्याना ने कहा, ‘हमारा मानना है कि कामकाजी महिलाओं को आज भी उसी प्रकार के तनाव का सामना करना पड़ता है और इसीलिए बढ़ा हुआ खतरा आज भी बरकरार रहने की आशंका है।’(एजेंसी)
First Published: Monday, June 10, 2013, 16:41