Last Updated: Wednesday, July 25, 2012, 20:48
लॉस एंजिलिस : अमेरिका में हुए एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि अल्जाइमर्स और डिमेंशिया के मरीजों की देखभाल करने वाले अगर ‘कीर्तन क्रिया ध्यान’ करें तो उनके अपने तनाव के स्तर में काफी कमी आ सकती है । उल्लेखनीय है कि कीर्तन क्रिया ध्यान वह प्रक्रिया है जिसमें भजन गाया या फिर माला जपा जाता है ।
लॉस एंजिलिस के ‘कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय’ के अनुसंधानकर्ताओं ने इसके लिए डिमेंशिया के मरीजों की देखभाल करने वालों का अध्ययन किया। उन्होंने अपने इस अध्ययन में पाया कि कीर्तन क्रिया ध्यान के बाद मरीजों की देखभाल करने वालों के तनाव के स्तर में कमी आई।
कीर्तन क्रिया ‘कुण्डलीनी योग’ परंपरा का हिस्सा है । इसमें गीत गाया जाता है और हाथ पर गिनती करते हुए माला जपा जाता है । इस अध्ययन के परिणाम ‘साइकोन्यूरोएंडोक्राइनोलॉजी’ नामक एक ऑनलाइन पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं । इस अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने लोगों को पहले दो समूहों में बांटा ।
ध्यान करने वाले समूह को 12 मिनट की यौगिक क्रिया सिखायी गई जिसमें कीर्तन क्रिया भी शामिल था । समूह ने उसे आठ सप्ताह तक एक ही समय पर दोहराया। दूसरे समूह को आठ सप्ताह तक रोज 12 मिनट के लिए एक शांत जगह पर आंखें बंद करके लेटने और तनाव कम करने के लिए बने वाद्य संगीत को सुनाया गया । दोनों समूहों के रक्त के नमूने आठ सप्ताह पहले और फिर उसके बाद भी लिए गए । और उन्होंने पाया कि ध्यान करने से तनाव में काफी कमी आयी थी । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 25, 2012, 20:48