Last Updated: Friday, February 3, 2012, 09:54
सिडनी: पृथ्वी से कोई 22 प्रकाश वर्ष की दूरी पर खोजे गए एक नए ग्रह पर पानी होने तथा जीवन की सम्भावना है। युनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स में प्रोफेसर, क्रिस टिनी ने कहा है कि इस ग्रह पर पृथ्वी पर आने वाली सूर्य की रोशनी का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा आता है। लेकिन यहां आने वाली अधिकांश रोशनी अवरक्त (इंफ्रारेड) है, इसलिए इसका अधिकांश हिस्सा ग्रह द्वारा सोख लिया जाएगा।
टिनी ने कहा, इसका अर्थ यह होता है कि कुल मिलाकर यह ग्रह अपने तारे से लगभग उतनी ही मात्रा में ऊर्जा सोखता है, जितनी ऊर्जा सूर्य से पृथ्वी सोखती है। इसलिए यदि ग्रह की सतह चट्टानी है और वातावरण नम है तो यह स्थिति ग्रह पर तरल पानी होने के लिए उचित तापमान मुहैया कराता है।
पत्रिका 'एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स' में प्रकाशित रपट में टिनी ने कहा है, और तरल पानी को जीवन के विकास में जरूरी एक महत्वपूर्ण पूर्व शर्त के रूप में देखा गया है। टिनी ने जेरेमी बैली के साथ मिलकर यह अध्ययन सम्पन्न किया है।
युनिवर्सिटी द्वारा जारी बयान के अनुसार, यह ग्रह (जीजे 667सीसी) अपेक्षाकृत एक ठंढे तारे (जीजे667सी) का चक्कर लगाता है, और उसकी कक्षीय अवधि 28.15 दिनों की है तथा उसका न्यूनतम द्रव्यमान पृथ्वी से 4.5 गुना है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 3, 2012, 15:25