Last Updated: Monday, August 13, 2012, 12:22

बर्न : इंटरनेट के इस युग में अपराध की गुत्थी सुलझाना काफी चुनौती भरा हो गया है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने इस गुत्थी को सुलझाने के लिए गणित का सहारा लिया है। एकोल पालीटेक्नीक फेडरल डी लासेन के आडियोविजुअल कम्यूनिकेशन्स लैब के शोधकर्ता प्रेडो पिंटो और उनके सहयोगियों ने अल्गोरिद्म (सवालों को हल करने के नियमों की प्रणाली, जिसे कलन विधि भी कहा जाता है) का विकास किया है जो जांचकर्ताओं को अपराध की जड़ तक पहुंचने और इसमें इस्तेमाल नेटवर्क का पता लगाने में मदद करेगा।
पत्रिका फिजिकल रिव्यू लेटर्स ने पिंटो के हवाले से कहा, "हमारी इस प्रणाली से एक नेटवर्क पर हो रहे सभी प्रकार के प्रसारण के स्रोत का पता लगाया जा सकता है। ऐसा इस नेटवर्क से जुड़े कुछ सदस्यों की बातों को सुनकर किया जा सकता है।"
पिटों ने एक उदाहरण के जरिये बताया कि मान लीजिए कि फेसबुक पर आपके बारे में कोई अफवाह फैलती है जो कि 500 लोगों के बीच पहुंच जाती है तो ऐसे में आप यह कैसे पता लगाएंगे कि किस व्यक्ति ने यह अफवाह फैलाई?
पिंटो ने कहा कि समय को ध्यान रखते हुए केवल 15 लोगों को पहुंचे इस संदेश को लेकर हमारे अल्गोरिदम प्रणाली के जरिये से पीछे से आ रहे संदेश के रास्ते को पकड़ते हुए उस व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है जिसने इस अफवाह को फैलाई।इस प्रणाली के जरिये वायरस भेजने वाले ईमेल और स्पैम मैसेज भेजने वाले तक भी पहुंचा जा सकता है।
इसके अलावा अल्गोरिदम प्रणाली के जरिये संक्रामक रोग हैजा के फैलने के स्रोत का पता लगाया जा सकता है। इस प्रणाली का आतंकवादी हमले के दौरान भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 1995 में टोक्यो सबवे में जहरीली सरीन गैस से हमला किया गया था। इसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 घायल हो गए थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 13, 2012, 12:22