Last Updated: Sunday, December 30, 2012, 13:56
लंदन : महज 32 साल की छोटी उम्र में दुनिया से कूच कर गए गणित के जीनियस श्रीनिवास रामानुजन ने अपनी मृत्युशैया पर गणित का एक सिद्धांत सुझाया था जो बेशुमार गणितज्ञों को इतने दशकों तक उलझाए रखने के बाद अब कहीं जा कर सुलझा है।
वर्ष 1920 में रामानुजन मृत्युशैया पर थे, तभी उन्होंने अपने गुरू एवं ब्रिटिश गणितज्ञ जी एच हार्डी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में भारतीय गणितज्ञ ने अनेक नए गणितीय फलन (फंक्शन) की रूपरेखा पेश की जिसे उससे पहले कभी सुना भी नहीं गया था। इस पत्र में रामानुजन ने इन फलन के बारे में ये भी संकेत दिए थे कि वे कैसे काम करते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने साबित किया कि रामानुजन का फार्मूला बिल्कुल सही था और यह फार्मूला ‘ब्लैक होल’ के बर्तावों की भी व्याख्या कर सकता है। एमोरी विश्वविद्यालय के गणितज्ञ केन ओनो ने कहा कि हमने रहस्यों से भरी उनकी आखिरी चिट्ठियों के प्राब्लम हल कर लिए हैं। गणित के इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह प्राब्लम 90 साल से खुला था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 30, 2012, 13:56