Last Updated: Wednesday, November 23, 2011, 12:55
वाशिंगटन : मां बनने जा रही महिलाओं के लिए एक रोचक जानकारी। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान उनके मानसिक दबाव और तनाव का असर शिशु पर भी होता है और बच्चा मां की मनोदशा को भांप लेता है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन के शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि मां की मनोदशा शिशु को जन्म देने के पहले और बाद में स्थिर रहती है, तो ऐसी स्थिति में परीक्षण में शिशुओं की मानसिक और मांसपेशियों की क्षमता बेहतर रहती है।
लेकिन यदि मां की मनोदशा में बदलाव होता है, चाहे वह खुशमिजाज से तनाव की अवस्था में या फिर तनाव से खुशमिजाज अवस्था में आती है तो शिशुओं के बेहतर नतीजे नहीं आ पाते हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि नवजात का मस्तिष्क गर्भावस्था के दौरान अपनी मां की मनोवैज्ञानिक स्थिति के समान ही मनोदशा की स्थिति में रहता है। इसका असर जन्म के बाद बच्चों के शरीर के विकास पर भी पड़ता है।
अध्ययन के अनुसार गर्भावस्था के दौरान मां के तनाव का सामना करने वाला शिशु बाद की परिस्थितियों को बेहतर तरीके से झेलता है। जर्नल ‘साइकोलाजिकल साइंस’ में प्रकाशित शोध के मुताबिक 221 महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 23, 2011, 18:26