Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 11:52
मेलबर्न : वैज्ञानिकों ने गर्भाशय के कैंसर से पीड़ित महिला के डीएनए में आम तौर पर होने वाले जैव रसायनिक बदलावों को पहली बार पहचानने का दावा किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस उपलब्धि से गर्भाशय के कैंसर का समय रहते पता लगाया जा सकेगा। गर्भाशय के कैंसर का समय रहते पता लगा पाना बहुत कठिन होता है और जब तक इसका पता चलता है तब तक मरीज मौत के करीब पहुंच चुकी होती है।
अब गरवैन इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों के एक दल ने कहा है कि उनके अनुसंधान से गर्भाशय के कैंसर का समय रहते पता लगाने में और मरीज को बचाने में मदद मिल सकेगी। अनुसंधान के नतीजे ‘कैंसर लैटर्स’ जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। अनुसंधान के लिए वैज्ञानिकों ने उन छह जीनों की पहचान के लिए पूरी जीनोम डीएनए प्रोफाइलिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जो गर्भाशय के कैंसर में ‘डीएनए मेथिलेशन’ प्रक्रिया से प्रभावित होते हैं।
अनुसंधान दल के प्रमुख ब्रायन ग्रॉस ने कहा कि हम यह देखना चाहते थे कि मेथिलेशन के कौन से बदलाव से कैंसरकारी जीन निष्क्रिय होता है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 25, 2012, 17:22