गॉड पार्टिकल की खोज से आम आदमी को फायदा

गॉड पार्टिकल की खोज से आम आदमी को फायदा

गॉड पार्टिकल की खोज से आम आदमी को फायदाज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली: वैज्ञानिक भाषा में गॉड पार्टिकल को हिग्स बोसोन का नाम दिया गया है। गॉड पार्टिकल ही वह पदार्थ है जिसकी बदौलत दुनिया का निर्माण हुआ। आकाशगंगा, चाद, तारे, प्रकृति, पेड़, पौधे और जीव जंतुओं का अस्तित्व धरती पर आया। इसलिए इसे गॉड पार्टिकल कहा गया है। गॉड का अर्थ होता है भगवान, इश्वर। यानी ऐसा कण जिसमें प्रकृति के निर्माण की शक्ति हो।

माना जाता है कि 14 अरब साल पहले ऊर्जा के महा विस्फोट के चलते ब्रह्माड की उत्पत्ति हुई। गॉड पार्टिकल ही वो पदार्थ था जिसने उस समय सृष्टि को बनाने वाले परमाणुओं में वजन पैदा किया और उन्हें हलके होकर ब्रह्माड में नहीं बिखरने नहीं दिया और इन्हीं एकत्र परमाणुओं से जीवन बना। आकाशगंगा, तारे, ग्रह का आस्तित्व बन पाया। वैज्ञानिकों का कहना है कि गॉड पार्टिकल ही वो पदार्थ है जिसके चलते किसी परमाणु में द्रव्यमान यानी वजन आता है।


यूरोपीय वैज्ञानिक ने जिंस हिग्स बोसोन से मिलते जुलते जिस कण को खोजने का दावा किया है, उसका एवं बिग बैंग सिद्धांत का सबसे पहला जिंक्र वेदों में आता है।

वैज्ञानिकों ने हिग्स बोसोन को गॉड पार्टिकल अर्थात ब्रह्म कण का नाम दिया है। सबसे प्राचीन वेद ऋगवेद में वर्णित नासद सूक्त में प्राचीन मानव और अंतिरक्ष को समझने की उसकी मूलभूत जिज्ञासा का पता चलता है। नासद सूक्त में कहा गया है कि सृष्टि से पहले कुछ भी नहीं था, न आकाश था, न जमीन और न जल।


वेदों और उपनिषदों के बाद आई पुराणों में अंतिरक्ष के सृजन के सिद्धांत से आगे बढ़ते हुए युगों की शुरुआत और उनके खात्मे का जिक्र किया गया। पुराणों में ब्रह्म के एक दिन को चार अरब 32 करोड़ वर्ष के बराबर बताया गया है जो एक महायुग और चार युगों के बराबर होता है। एक महायुग की समाप्ति के बाद प्रलय आती है और समूचा ज्ञान और सभ्यताएं नष्ट हो जाती हैं और एक नई सृष्टि का सृजन होता है।

वैज्ञानिकों का दावा है कि गॉड पार्टिकल मिलने के बाद इंटरनेट की स्पीड कई गुना बढ़ जाएगी। अंतरिक्ष तकनीक को पहले से अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकेगा। इसकी मदद से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सकेगा। इससे बिजली के अधिक उत्पादन में मदद मिलेगी। यानी इसकी मदद से कई चीजों को बेहतर और जल्दी हासिल कर पाने में हमें मदद मिलेगी।

First Published: Thursday, July 5, 2012, 00:09

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