Last Updated: Sunday, December 16, 2012, 14:59

केप केनवेरेल : वाशिंग मशीन के आकार के नासा के दो यान एब और फ्लो अपने सफल अभियान के समापन पर सोमवार को चंद्रमा की सतह से टकराएंगे। इस टक्कर से चांद की सतह से जुड़े कुछ रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। बीते एक साल के दौरान नासा के इन यानों से चंद्रमा की आंतरिक सतह के बारे में कई अहम जानकारियां मिली हैं।
दोनों यान 6120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 20 सेकेंड के अंतर पर चंद्रमा की सतह से टकराएंगे। ये यान चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव की सतह से टकराएंगे। भारतीय समयानुसार सोमवार सुबह 6.58 पर यह टक्कर होगी। इसे पृथ्वी से नहीं देखा जा सकेगा। इन यान से जुड़े संयुक्त अभियान ग्रेविटी रिकवरी एंड इंटीरियर लेबोरेटरी (ग्रेल) के प्रोजेक्ट मैनेजर डेविड लेहमैन ने बताया कि एब और फ्लो ने शुक्रवार को आखिरी बार अपनी सेवाएं दीं। अब सोमवार की टक्कर की तैयारी में इनके वैज्ञानिक उपकरण बंद कर दिए जाएंगे।
चंद्रमा का चक्कर लगा रहे एब और फ्लो ने अब तक धरती के उपग्रह की आंतरिक सतह की बेहद स्पष्ट तस्वीरें मुहैया कराई हैं। इस अभियान के पहले चरण में इस साल मार्च से मई के बीच दोनों ने ग्रेविटी मैप (गुरूत्व शक्ति में उतार-चढ़ाव के नक्शे) मुहैया कराए। इनसे पता चला है कि चंद्रमा की सतह हमारी सोच से ज्यादा छिछली और ऊबड़-खाबड़ है। अनुमान लगाया गया है कि ऐसा अरबों साल पहले वहां क्षुद्रग्रहों या धूमकेतुओं के चंद्रमा की सतह से टकराने के कारण हुआ होगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 16, 2012, 10:44