Last Updated: Sunday, July 28, 2013, 20:07

सैंटियागो : क्या आपने कभी कहावतों को सच होते देखा है? भारत की एक ऐसी ही कहावत दूर दक्षिणी अमेरिका के चिली में हकीकत में बदल गई है। चिली की एक 20 वर्षीय लड़की जब रोती है तो उसकी आंखों से आंसू नहीं खून निकलते हैं। इस विचित्र मामले को देखकर चिकित्सक भी हैरान रह गए।
चिली के लॉस लागोस क्षेत्र के ओसोर्नो प्रांत के शहर परांक की रहने वाली यारिजा ऑलिवा के साथ इसी महीने के शुरुआत में यह घटना घटी और अब वह दिन में कई बार खून के आंसू रोती हैं।
ऑलिवा जब अपनी शिकायत लेकर चिकित्सक के पास पहुंची तो चिकित्सक को उसकी आंखों में किसी तरह का इंफेक्शन नहीं मिला। चिकित्सकों ने उसे दर्द से बचने के लिए आंख में डालने वाली दवा दे दी। लेकिन क्या उससे ऑलिवा को राहत मिली। इस पर ऑलिवा ने समाचार पत्र `द सन` को बताया कि इसके कारण होने वाले दर्द को वह शब्दों में बयान नहीं कर सकतीं।
ऑलिवा के अभिभावकों के पास उन्हें किसी विशेषज्ञ से परामर्श लेने के लिए पर्याप्त रुपये नहीं हैं, इसलिए वे अपने पड़ोसियों और मित्रों से मदद मांग रहे हैं।
ऑलिवा के पेशे से बढ़ई पिता ने स्थानीय समाचार चैनल पर अपील की है, "कृपया अपने दिल की बात सुनें और अपने हाथ आगे बढ़ाएं। हमारी परिस्थिति को समझें और मेरी बेटी की मदद करें।"
समाचार पत्र `द सन` के मुताबिक संभव है कि ऑलिवा हेमालैक्रिया जैसी अत्यंत दुर्लभ बीमारी की शिकार हो, जिसके कारण मरीज की आंखों से गिरने वाले आंसू में खून भी मिला रहता है।
वेबसाइट `दडर्बन डॉट को डॉट जेडए` ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि हैमालैक्रिया के कारण कई अन्य गंभीर बीमारी हो सकती हैं, जैसे ट्यूमर का बनना तथा इसके कारण महिलाओं में हार्मोस की मात्रा भी काफी बढ़ सकती है।
दुनिया में इस तरह के अब तक सिर्फ तीन आधिकारिक मामले मिले हैं। इससे पहले टेनेसी का एक 15 वर्षीय किशोर 2009 में हेमालैक्रिया से ग्रस्त पाया गया था। टेनेसी के कैल्वीनो इनमाम का कहना था कि जब उसे आंसू आने वाले होते हैं तो उसे पहले से पता भी नहीं चलता।
इनमाम और उसकी मां ने भी मदद की गुहार की थी, लेकिन वे इसका इलाज नहीं पा सके थे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 28, 2013, 20:07