Last Updated: Saturday, February 4, 2012, 12:22
लंदन : ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि किसी भी तरह के जीवन के लिए मंगल ग्रह काफी शुष्क है। पत्रिका ‘जिओफिजिकल रिसर्च लेटर्स’ ने कहा है कि मंगल के लिए वर्ष 2008 के नासा फोएनिक्स मिशन के दौरान एकत्रित मिट्टी का इम्पीरियन कालेज लंदन की ओर से किये विश्लेषण से यह बात सामने आई है कि यह लाल ग्रह ने 60 करोड़ वर्ष के सूखे का सामना किया है।
तीन वर्ष के अनुसंधान से यह बात सामने आयी कि मंगल ग्रह की सतह इतने लंबे समय तक सूखी रही कि किसी भी तरह के जीवन को जमीन के भीतर दुबके रहना होगा। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ग्रह पर करीब पांच हजार वर्ष तक पानी रहा होगा लेकिन जीवन के लिए सतह पर स्वयं को स्थापित करने के लिए यह बहुत कम समय है।
विश्लेषण में यह पता चला है कि मंगल की मिट्टी भी चंद्रमा जैसी शुष्क परिस्थिति में ही बनी है। मिट्टी का नमूना मंगल के बर्फीले उत्तरी आर्कटिक क्षेत्र से ली गई थी। हालांकि अलग अध्ययन में यह बात सामने आयी कि यह ग्रह इसी तरह की मिट्टी से ढका हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 4, 2012, 17:52