Last Updated: Monday, July 9, 2012, 09:56

वाशिंगटन : अमेरिका की प्रतिष्ठित ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित दो वैज्ञानिक अध्ययनों में वर्ष 2010 में किए गए उन दावों को खारिज किया गया है, जिनमें ऐसे जीवाणुओं को ढ़ूंढ़ने की बात कही गई जो आर्सेनिक पर भी पनप सकते हैं।
गौरतलब है कि ये दावे करने वाले वैज्ञानिकों को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिन्सट्रेशन) से वित्तीय सहायता मिली थी। साइंस पत्रिका में कल प्रकाशित हुए इस वैज्ञानिक अध्ययन में कहा गया कि एक मूल रिपोर्ट के विपरीत नए अध्ययन से स्पष्ट हो गया है कि जीवाणु ‘जीएफएजी-1’ फॉसफोरस की जगह आर्सेनिक के सहारे जिंदा नहीं रह सकता।
जीवविज्ञानी जीवन के लिए जिन छह पदार्थों को जरूरी मानते हैं, वे हैं: कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फॉसफोरस और सलफर। आर्सेनिक भी फॉसफोरस की तरह ही होता है, लेकिन यह जीवित प्राणियों के लिए जहरीला होता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 9, 2012, 09:56