Last Updated: Wednesday, April 18, 2012, 07:26
पेरिस : वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा ही लिया कि आखिर विशाल जीव डायनासोर का खात्मा क्यों हुआ। उनका दावा है कि इस दैत्याकार जीव का आकार ही उसके अस्तित्व के लिए खतरा बन गया।
अपने नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा है कि अपने आकार के कारण ही इस जीव का खात्मा हुआ। उन्होंने बताया कि अंडे से पैदा हुये नन्हें डायनासोर का वजन 10 किलोग्राम हुआ करता था जिसे बाद में 30 से 50 टन होना पड़ता था। ज्यूरिख यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक मर्कस क्लॉस ने बताया कि नन्हें डायनासॉर को अन्य वयस्क स्तनधारियों के आकार से लोहा लेना पड़ता था।
क्लॉस ने बताया कि वहीं स्तनधारियों के नवजात आकार में बड़े होते थे जिन्हें अन्य बड़े पशुओं से खतरा नहीं होता था। इसका मतलब यह हुआ कि पर्यावरण में मध्यम और बड़े आकार वाले जानवरों के लिये तो जगह रही पर छोटे डायनासोर के लिए मुश्किल हो गई। इस अध्ययन को ब्रिटिश रॉयल सासोइटी के जर्नल ‘बायोलॉजी लेटर्स’ में प्रकाशित किया गया है।
क्लॉस ने बताया कि जलवायु में छोटी प्रजातियों के लिये बहुत स्थान है पर वह बड़े आकार के पशुओं के नवजात अधिक जगह लेते हैं। यही कारण है कि जब किसी भी जीव के नन्हें को स्थान नहीं मिलेगा तो वह प्रजाति आगे नहीं बढ़ सकती। वैज्ञानिकों ने इस बात का खंडन किया है कि कोई तारा धरती से टकाराया था और फिर उसके असर से डायनासोर गायब हो गए।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 18, 2012, 12:56